US Election Results / सदन में ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन ने हासिल किया बहुमत, लेकिन 218 सीटों पर शासन चलाना नहीं होगा आसान

डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन ने चुनाव में बुधवार को यूएस हाउस पर कब्जा कर लिया है। रिपब्लिकन जरूरी बहुमत का आंकड़ा हासिल करके वाशिंगटन में सत्ता में लौट आई है। लेकिन एक बहुमत का ये आकंड़ा जीओपी नेताओं के लिए कई चुनौतियां पेश करेगा और पार्टी की शासन करने की क्षमता को भी मुश्किल करेगा। जिस दिन चुनाव हुआ उसके करीब एक सप्ताह से अधिक समय के बाद, रिपब्लिकन ने अमेरिका के सदन को डेमोक्रेटिक पार्टी के नियंत्रण से पलटने

Vikrant Shekhawat : Nov 17, 2022, 09:16 AM
US Election Results: डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन ने चुनाव में बुधवार को यूएस हाउस पर कब्जा कर लिया है। रिपब्लिकन जरूरी बहुमत का आंकड़ा हासिल करके वाशिंगटन में सत्ता में लौट आई है। लेकिन एक बहुमत का ये आकंड़ा जीओपी नेताओं के लिए कई चुनौतियां पेश करेगा और पार्टी की शासन करने की क्षमता को भी मुश्किल करेगा।

स्पष्ट आंकड़ा आने में लग सकते हैं हफ्ते

जिस दिन चुनाव हुआ उसके करीब एक सप्ताह से अधिक समय के बाद, रिपब्लिकन ने अमेरिका के सदन को डेमोक्रेटिक पार्टी के नियंत्रण से पलटने के लिए जरूरी 218 वीं सीट हासिल की है। हालांकि पार्टी के बहुमत का पूरा आकंड़ा कई और दिनों या हफ्तों तक स्पष्ट नहीं हो सकता है, क्योंकि कांटे की टक्कर में वोटों की गिनती अभी भी की जा रही है।

रिपब्लिकन का 21 वीं सदी का सबसे कम बहुमत का आंकड़ा

माना जा रहा है कि रिपब्लिकन एक साथ मिलकर काम करने की राह पर हैं। ये 21 वीं सदी में पार्टी का सबसे छोटा बहुमत हो सकता है। साल 2001 में रिपब्लिकन के पास 221-212, दो निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ सिर्फ नौ सीटों का बहुमत था। अमेरिका के मध्यावधि चुनाव में 218 सीटें रिपब्लिकन की बड़ी जीत की भविष्यवाणी से बहुत कम है। पार्टी को आर्थिक चुनौतियों और बिडेन की घटती लोकप्रियता को भुनाने के लिए कैपिटल हिल पर एजेंडा रीसेट करने की उम्मीद थी।

मुश्किल में केविन मैकार्थी के स्पीकर बनने का प्लान 

वहीं इसके उलट, डेमोक्रेट्स ने हैरान करने वाली वापसी दिखाई, वर्जीनिया से मिनेसोटा और कान्सास तक उपनगरीय जिलों पर कब्जा कर लिया। लेकिन ये परिणाम हाउस जीओपी नेता केविन मैकार्थी के स्पीकर बनने के प्लान को मुश्किल डाल सकते हैं क्योंकि कुछ कंजरवेटिव सदस्यों ने उन्हें समर्थन को लेकर सवाल किए हैं और कई ने उनके समर्थन के लिए शर्तें लगाई हैं।