Vikrant Shekhawat : Nov 07, 2024, 08:39 AM
Donald Trump Victory: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2024 के नतीजे आते ही दुनियाभर के बाजारों में हलचल मच गई है। डोनाल्ड ट्रंप की जीत को जहां भारतीय और अमेरिकी शेयर बाजारों ने बड़े जोश से अपनाया, वहीं सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली। भारतीय वायदा बाजार में गोल्ड के दाम 1850 रुपये से अधिक की गिरावट के साथ नीचे आ गए, जबकि चांदी में भी लगभग 3800 रुपये प्रति किलोग्राम की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। विदेशी बाजारों में भी सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का यही प्रभाव देखने को मिला। न्यूयॉर्क के कॉमेक्स बाजार में गोल्ड स्पॉट के दाम में 80 डॉलर प्रति औंस से अधिक की गिरावट आई और सिल्वर स्पॉट की कीमतें भी लगभग 4.50 फीसदी टूट गईं।
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर इंडेक्स में जबरदस्त उछाल देखा गया, जिसके कारण निवेशकों ने सुरक्षित निवेश साधनों से रुख मोड़ लिया। डॉलर की मजबूती के चलते सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है, और निवेशक अब डॉलर में अधिक निवेश कर रहे हैं, जिससे गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में गिरावट आई है।2. टेक्निकल प्रॉफिट बुकिंग:
बीते तीन महीनों में सोने की कीमतों में लगभग 9 प्रतिशत (6500 रुपये प्रति 10 ग्राम) की वृद्धि हुई थी। इस वृद्धि के बाद प्रॉफिट बुकिंग का दौर शुरू हो गया है, जिसमें निवेशक अपने मुनाफे को कैश में बदल रहे हैं। यह प्रॉफिट बुकिंग भी सोने की कीमतों में गिरावट का एक मुख्य कारण है।3. फेड रिजर्व की बैठक से अनिश्चितता:
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में ब्याज दरों पर फैसला होगा, जिसमें कटौती की उम्मीदें पहले से कम हो गई हैं। बाजार का अनुमान था कि फेड ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती कर सकता है, लेकिन अब ट्रंप के पुन: चुनाव जीतने के बाद कटौती की संभावना घटकर 0.25 फीसदी रह गई है। इसके कारण भी सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।4. स्थानीय मांग में कमी:
भारत में दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के बाद शादी-ब्याह की सीजन की खरीदारी भी लगभग पूरी हो चुकी है। गोल्ड की लोकल डिमांड में कमी के चलते भारतीय बाजार में भी सोने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। दुकानदारों के पास पुराने स्टॉक बढ़ने के कारण नए गोल्ड की खरीदारी नहीं हो रही है, जिससे कीमतें और गिर रही हैं।5. ट्रंप की जीत से फेड की नीतियों पर असर:
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने अभियान के दौरान फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की नीति का विरोध किया था। ट्रंप की जीत के बाद निवेशकों में यह धारणा बन गई है कि फेड ब्याज दरों में और कटौती नहीं करेगा, जिससे गोल्ड में निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
गिरावट के प्रमुख कारण
1. डॉलर इंडेक्स में उछाल:डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर इंडेक्स में जबरदस्त उछाल देखा गया, जिसके कारण निवेशकों ने सुरक्षित निवेश साधनों से रुख मोड़ लिया। डॉलर की मजबूती के चलते सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है, और निवेशक अब डॉलर में अधिक निवेश कर रहे हैं, जिससे गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में गिरावट आई है।2. टेक्निकल प्रॉफिट बुकिंग:
बीते तीन महीनों में सोने की कीमतों में लगभग 9 प्रतिशत (6500 रुपये प्रति 10 ग्राम) की वृद्धि हुई थी। इस वृद्धि के बाद प्रॉफिट बुकिंग का दौर शुरू हो गया है, जिसमें निवेशक अपने मुनाफे को कैश में बदल रहे हैं। यह प्रॉफिट बुकिंग भी सोने की कीमतों में गिरावट का एक मुख्य कारण है।3. फेड रिजर्व की बैठक से अनिश्चितता:
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में ब्याज दरों पर फैसला होगा, जिसमें कटौती की उम्मीदें पहले से कम हो गई हैं। बाजार का अनुमान था कि फेड ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती कर सकता है, लेकिन अब ट्रंप के पुन: चुनाव जीतने के बाद कटौती की संभावना घटकर 0.25 फीसदी रह गई है। इसके कारण भी सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।4. स्थानीय मांग में कमी:
भारत में दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के बाद शादी-ब्याह की सीजन की खरीदारी भी लगभग पूरी हो चुकी है। गोल्ड की लोकल डिमांड में कमी के चलते भारतीय बाजार में भी सोने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। दुकानदारों के पास पुराने स्टॉक बढ़ने के कारण नए गोल्ड की खरीदारी नहीं हो रही है, जिससे कीमतें और गिर रही हैं।5. ट्रंप की जीत से फेड की नीतियों पर असर:
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने अभियान के दौरान फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की नीति का विरोध किया था। ट्रंप की जीत के बाद निवेशकों में यह धारणा बन गई है कि फेड ब्याज दरों में और कटौती नहीं करेगा, जिससे गोल्ड में निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।