विशेष / ब्राजील नदी के किनारों पर अमेरिकन रिवर टर्टल की सुनामी, जानिए क्या है वजह

आपने समुद्र में सुनामी आती देखी होगी या उसकी जानकारी सुनी होगी, क्या कभी नदी में सुनामी की खबर सुनी है। ब्राजील की एक नदी में सुनामी आई लेकिन अलग तरह की। इस सुनामी में नदी के अंदर से छोटे-छोटे कछुओं की पूरी लहर निकल रही थी। ये कछुए तेजी से तट पर पड़े रेत की ओर बढ़ रहे थे। आइए जानते हैं कि आखिर ब्राजील की किस नदी के तट पर कछुओं की सुनामी आई और क्यों?

Vikrant Shekhawat : Dec 16, 2020, 09:33 PM
विशेष | आपने समुद्र में सुनामी आती देखी होगी या उसकी जानकारी सुनी होगी, क्या कभी नदी में सुनामी की खबर सुनी है। ब्राजील की एक नदी में सुनामी आई लेकिन अलग तरह की। इस सुनामी में नदी के अंदर से छोटे-छोटे कछुओं की पूरी लहर निकल रही थी। ये कछुए तेजी से तट पर पड़े रेत की ओर बढ़ रहे थे। आइए जानते हैं कि आखिर ब्राजील की किस नदी के तट पर कछुओं की सुनामी आई और क्यों? 

ब्राजील के द वाइल्डलाइफ कंजरवेशन सोसाइटी (WCS) ने इन हजारों कछुओं की तस्वीरें और वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर जारी की हैं। WCS ने बताया कि ये जायंट साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल (Giant South American Turtles) के बच्चे थे, जो कुछ समय पहले ही अंडों से निकले थे।

ब्राजील अमेजन नदी की एक शाखा है जिसे पुरूस नदी (Purus River) कहते हैं। इस नदी के किनारों पर जायंट साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल (Giant South American Turtles) के हजारों बच्चों को देखा। WCS ने बताया कि दो दिनों में यहां पर करीब 92 हजार कछुए देखे गए। पहले दिन 71 हजार और दूसरे दिन 21 हजार कछुए नदी से निकल कर तटों पर आए। 

WCS ने बताया कि आमतौर पर कछुओं का एक जोड़ा एक बार में 80 से 120 अंडे देते हैं। इन अंडों से 60 दिन के बाद कछुओं के बच्चे बाहर आने लगते हैं। इस बार कछुओं की सुनामी ब्राजील के अबुफारी बायोलॉजिकल रिजर्व (Abufari Biological Reserve) के बीच से गुजर रही पुरूस नदी के तटों पर दिखाई दी।

जायंट साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल (Giant South American Turtles) के बच्चे खुद अपने दांतों से अंडे तोड़कर बाहर निकलते हैं। इन्हें अपने घोसलों से तटों पर आने तक करीब एक हफ्ते का समय लगता है। ये धीरे-धीरे रेंगते हुए तटों तक आते हैं। आमतौर पर ये कछुए ज्यादातर समूह में ही बाहर निकलते हैं। 

WCS की एक्सपर्ट कैमिला फरारा ने बताया कि कछुओं को इतनी ज्यादा तादात में देखना बेहद सुखद है। ये जन्म का बड़ा महोत्सव है। इससे जायंट साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल (Giant South American Turtles) की प्रजाति को बढ़ावा मिलेगा। इन कछुओं की खास बात ये होती है कि ये एकसाथ जन्म लेते हैं और एकसाथ ही अपनी जिंदगी को पूरा करते हैं। 

WCS ने कहा कि हम इन कछुओं के सामूहिक जन्म और जीवनशैली पर अध्ययन कर रहे हैं ताकि इनकी सुरक्षा और संरक्षण में मदद कर सकें। जायंट साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल (Giant South American Turtles) कछुओं की एक विलुप्तप्राय प्रजाति है। इसके संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई समझौते हुए हैं।

आपको बता दें कि जायंट साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल (Giant South American Turtles) लैटिन अमेरिका की नदियों में पाए जाने वाले सबसे बड़े कछुए होते हैं। पूर्ण वयस्क होने पर इन कछुओं की लंबाई 3।5 फीट होती है। इनका वजन करीब 90 किलोग्राम तक होता है। ये कछुए जलीय जीवनचक्र को चलाने में महत्वपूर्ण किरदार निभाते हैं।