महाराष्ट्र / लापरवाही की दो बूंद, 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह सैनिटाइज़र पिला दिया

महाराष्ट्र के यवतमाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। स्वास्थ्यकर्मियों ने लापरवाही की हद को तोड़ते हुए 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सैनिटाइजर दिया। तबीयत बिगड़ने के बाद बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना रविवार की है। रविवार को यहां घाटणजी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान 12 बच्चों को हैंड सैनिटाइजर देने की घटना सामने आई।

Vikrant Shekhawat : Feb 02, 2021, 07:26 AM
महाराष्ट्र के यवतमाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। स्वास्थ्यकर्मियों ने लापरवाही की हद को तोड़ते हुए 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सैनिटाइजर दिया। तबीयत बिगड़ने के बाद बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना रविवार की है। रविवार को यहां घाटणजी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान 12 बच्चों को हैंड सैनिटाइजर देने की घटना सामने आई।

दरअसल, रविवार सुबह यवतमाल की एक ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय पोलियो अभियान चलाया गया था। यहां 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनिटाइजर ड्रिंक दिया गया था। जिसके बाद इन बच्चों ने देर रात उल्टी और स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों की बात कही। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गिरुम गेडम, योगश्री गेडम, हर्ष मेश्राम, भावना अरके, वेदांत मेश्राम, राधिका मेश्राम, प्राची मेश्राम, माही मेश्राम, तनुज गेडम, निशा मेश्राम, आस्था मेश्राम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है।

दो पीड़ितों के बेटों के पिता किशन शमराव गेडाम ने इंडिया टुडे को बताया कि जब उनके बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई, तो उनके बच्चों को उल्टी होने लगी। इसके बाद, जब स्वास्थ्यकर्मियों को पता चला कि उन्होंने पोलियो ड्रॉप के बजाय उन्हें हैंड सैनिटाइज़र दिया है, तो उन्होंने फिर से पोलियो ड्रॉप छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों का बहुत ख्याल रखते हैं लेकिन यह स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही की हद है।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, एक सीएचओ, एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एक आशा कार्यकर्ता को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। यवतमाल जिला परिषद के सीईओ डॉ। श्रीकृष्ण पांचाल ने कहा कि मामले की जांच पूरी होने के बाद घटना के दोषियों का फैसला किया जाएगा। अस्पताल में भर्ती बच्चों का स्वास्थ्य अब स्थिर है।