बड़ी खबर / ऑड-ईवन के तहत हफ्ते में 3 दिन स्कूल आएंगे बच्चे, 6 चरणों में शुरू होगी पढ़ाई, जानें पूरी डीटेल

कोरोना वायरस के बीच स्कूलों को दोबारा खोलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। दरअसल, स्कूल खुलने पर पढ़ाई का सिलसिला किस तरह शुरू होगा और बच्चों, पेरेंट्स व टीचर्स के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा, इसे लेकर एनसीईआरटी ने अपनी गाइडलाइंस का ड्राफ्ट सरकार को सौंप दिया है।

News18 : Jun 10, 2020, 11:31 AM
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के बीच स्कूलों को दोबारा (School Re opening) खोलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। दरअसल, स्कूल खुलने पर पढ़ाई का सिलसिला किस तरह शुरू होगा और बच्चों, पेरेंट्स व टीचर्स के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा, इसे लेकर एनसीईआरटी ने अपनी गाइडलाइंस का ड्राफ्ट (NCERT Guidelines Draft) सरकार को सौंप दिया है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, ड्राफ्ट में कहा गया है कि स्कूल खुलने के बाद रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जाएगा या फिर दो शिफ्टों में कक्षाएं लगेंगी। यहां तक कि बच्चों के स्कूल पहुंचने के समय में भी कक्षाओं के हिसाब से 10-10 मिनट का अंतराल होगा। ड्राफ्ट में ये सिफारिश भी की गई है कि सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के लिहाज से कक्षाएं खुले मैदान में लगाना बेहतर होगा। आइए जानते हैं ड्राफ्ट में की गईं मुख्य सिफारिशें।

इन छह चरणों में शुरू होगी पढ़ाई

1। पहले चरण में 11वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू की जाएंगी

2। इसके एक हफ्ते बाद नौवीं और दसवीं की पढ़ाई शुरू होगी।

3। तीसरे चरण में दो हफ्ते बाद छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं शुरू होंगी।

4। इसके तीन हफ्ते बाद तीसरी से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई होने लगेंगी।

5। पांचवां चरण पहली और दूसरी कक्षाओं की शुरुआत का होगा।

6। छठे चरण में पांच हफ्ते बाद अभिभावकों की मंजूरी के साथ नर्सरी व केजी की कक्षाएं शुरू होंगी। हालांकि कंटेनमेंट जोन के स्कूल ग्रीन जोन बनने तक बंद ही रहेंगे।


स्कूल में अपनाए जाएंगे ये उपाय

- क्लास में स्टूडेंट्स के बीच 6 फीट की दूरी जरूरी होगी। एक कमरे में 30 या 35 बच्चे होंगे।

- क्लासरूम के दरवाजे-खिड़कियां खुली रहेंगी और एसी नहीं चलाए जा सकेंगे।

- बच्चे ऑड-ईवन के आधार पर बुलाए जाएंगे, लेकिन होम असाइनमेंट प्रतिदिन देना होगा।

- बच्चे सीट न बदलें, इसके लिए डेस्क पर नाम लिखा होगा। रोज वहीं बैठना होगा।

- कक्षाएं शुरू होने के बाद हर 15 दिन में बच्चे की प्रोग्रेस को लेकर पेरेंट्स से बात करनी होगी।

- कमरे रोजाना सैनिटाइज हों, ये सुनिश्चित करना प्रबंधन का काम होगा। मॉर्निंग असेंबली और एनुअल फंक्शन जैसा कोई आयोजन नहीं होगा।

- स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों और स्टाफ की स्क्रीनिंग होगी। स्कूल के बाहर खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगाए जाएंगे।

- बच्चों के लिए कॉपी, पेन, पेंसिल या खाना शेयर करने की मनाही होगी। बच्चों को अपना पानी साथ लाना होगा।

- हर बच्चे के लिए मास्क पहनना जरूरी होगी। स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल न रखने पर बच्चे के पेरेंट्स को सूचित किया जाएगा।


ये बातें भी रखनी होगी ध्यान

- चिकित्सा, सुरक्षा या सफाई संबंधी कामों से जुड़े पेरेंट्स को इसकी सूचना पहले ही स्कूल को देनी होगी।

- उन्हीं अभिभावकों को शिक्षकों से मिलने की अनुमति होगी जो फोन पर संपर्क करने की स्थिति में नहीं होंगे।

- पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग नहीं होगी। ट्रांसपोर्ट को लेकर जल्द ही गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी।

- जहां तक हॉस्टल की बात है तो वहां भी छह-छह फीट की दूरी पर बेट लगाने होंगे।