देश / आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक, गन्ना किसानों के लिए हो सकता है बड़ा फैसला

किसानों की मांगों के मद्देनजर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होने जा रही है। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 11.25 बजे शुरू होगी। इस बैठक में पीएम मोदी भी हिस्सा ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में निर्यात प्रोत्साहन योजना के तहत, चीनी निर्माता को 6 मिलियन टन की दर से 6 मिलियन टन स्वीटनर के निर्यात के लिए लगभग 3600 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल सकती है।

Vikrant Shekhawat : Dec 16, 2020, 07:54 AM
Delhi: किसानों की मांगों के मद्देनजर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होने जा रही है। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 11.25 बजे शुरू होगी। इस बैठक में पीएम मोदी भी हिस्सा ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में निर्यात प्रोत्साहन योजना (एक्सपोर्ट इंसेंटिव स्कीम) के तहत, चीनी निर्माता को 6 मिलियन टन की दर से 6 मिलियन टन स्वीटनर के निर्यात के लिए लगभग 3600 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल सकती है। प्रोत्साहन। इस प्रोत्साहन से चीनी मिलों को गन्ना किसानों का बकाया जारी करने में मदद मिलेगी।

चीनी मिल मालिकों को इस प्रोत्साहन के साथ गन्ना किसानों के बकाया को साफ़ करना होगा, जिससे किसानों को सीधे लाभ होगा। मोदी कैबिनेट के इस फैसले का सीधा फायदा गन्ना किसानों को होगा। गन्ना किसानों के लिए मोदी सरकार का यह बड़ा फैसला तब आ रहा है जब पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान संगठन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। कैबिनेट के इस फैसले से मोदी सरकार यह संदेश देगी कि किसान उनकी सरकार की प्राथमिकता में सबसे पहले हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने गुजरात दौरे के दौरान कृषि कानूनों के मुद्दे पर बात की थी। कच्छ में, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि विपक्षी दल किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार कृषि कानूनों के बारे में हर संदेह का समाधान करने के लिए तैयार है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं किसानों से कह रहा हूं कि सरकार उनकी हर शंका का समाधान करने के लिए तैयार है, किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है। हम किसानों की आय बढ़ाने के लिए फैसले ले रहे हैं। देश के हर कोने से किसान नए कानूनों के साथ हैं। जो लोग भ्रम फैला रहे हैं और राजनीति कर रहे हैं, किसानों के कंधे पर बंदूक रखी जा रही है।