Vikrant Shekhawat : Jan 01, 2025, 07:40 PM
Modi 3.0 Government: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों को राहत देने के उद्देश्य से कई अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों में फसल बीमा योजना का विस्तार, उर्वरकों पर अतिरिक्त सब्सिडी और तकनीकी सुधार शामिल हैं। ये निर्णय भारतीय कृषि को स्थायित्व प्रदान करने और किसानों के लिए आर्थिक बोझ को कम करने के लिए किए गए हैं।
फसल बीमा योजना का विस्तार
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी। इसके लिए कुल 69,515.71 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसल सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।इसके साथ ही योजना में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीकी उपायों का विस्तार किया जाएगा। 824.77 करोड़ रुपये के नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (FIAT) का निर्माण किया गया है, जो फसल नुकसान के त्वरित आकलन और दावा निपटान में सहायक होगा। इसके तहत यस-टेक और विंड्स जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।डीएपी पर अतिरिक्त सब्सिडी
किसानों को राहत देने के लिए डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) पर विशेष सब्सिडी प्रदान की गई है। डीएपी का बाजार मूल्य लगभग 3,000 रुपये प्रति 50 किलो बैग है, लेकिन किसानों को इसे 1,350 रुपये में ही उपलब्ध कराया जाएगा। अतिरिक्त लागत का वहन सरकार करेगी।इसके लिए सरकार ने 3,850 करोड़ रुपये का एकमुश्त विशेष पैकेज स्वीकृत किया है। वैश्विक बाजार में उर्वरक कीमतों में अस्थिरता के बावजूद, सरकार के इस कदम से किसानों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।प्रमुख बिंदु
- डीएपी की कीमत यथावत: किसानों को 50 किलोग्राम डीएपी का बैग 1,350 रुपये में मिलता रहेगा।
- सब्सिडी में वृद्धि: 2014-2023 के बीच उर्वरक सब्सिडी में दोगुना इजाफा हुआ, जो अब 1.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
- अंतरराष्ट्रीय कीमतों का असर नहीं: वैश्विक बाजार की अस्थिरता और समुद्री मार्गों पर संकट के बावजूद किसानों को किफायती उर्वरक उपलब्ध रहेंगे।
- सरकार की प्रतिबद्धता: कोविड महामारी और वैश्विक युद्ध जैसे संकटों के बावजूद सरकार ने सुनिश्चित किया कि किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं का सामना न करना पड़े।