Vikrant Shekhawat : Jul 31, 2024, 06:20 PM
Pooja Khedkar News: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर बड़ा एक्शन ले लिया है। आयोग ने पूजा खेड़कर से उनका आईएएस पद छीन लिया है साथ ही उन पर भविष्य की सभी परीक्षाओं के लिए बैन लगा दिया है। आयोग ने खुद इसकी जानकारी दी है। बता दें कि खेडकर में गलत तरीके से यूपीएससी में रिजर्वेशन लेने का आरोप है। इसे लेकर इन पर मामला भी दर्ज किया गया था।यूपीएससी ने रद्द कर दी उम्मीदवारी आयोग ने बताया कि आज सिविल सेवा परीक्षा-2022 (सीएसई-2022) की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है। साथ ही उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से बैन कर दिया है। दर्ज हुआ था ये मामलाबता दें कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कथित तौर पर 19 जुलाई को खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने के लिए विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का मामला दर्ज किया था। इसी मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मंगलवार को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, खेडकर की ओर से पेश एडवोकेट बीना माधवन ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल को कलेक्टर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने के कारण निशाना बनाया जा रहा है।सबसे पहले लगे थे ये आरोपबता दें कि सबसे पहले यूपीएससी के जरिए आईएएस बनी पूजा खेडकर महाराष्ट्र में ट्रेनी तौर पर अधिकारी बनी थी। इस दौरान उन पर प्राइवेट गाड़ी में लाल बत्ती, वीवीआईपी नंबर की गाड़ी और खुद का कैबिन मांगने का आरोप लगा था। इसके बाद उनके चयन पर सवाल उठे जिसके बाद उनकी पोल खुल गई थी।सर्टिफिकेट में किया खेलमीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूजा खेडकर ने फर्जी ओसीबी सर्टिफिकेट दिया था और उन्होंने अपना और अपने माता-पिता का नाम भी बदला था. आयोग ने नियमों के उल्लघंन मामले में उन्हें दोषी पाया है. जिसके बाद उन्हें बर्खास्त करते हुए यूपीएससी ने ब्लैक लिस्ट कर दिया. अब वह भविष्य में संघ लोक सेवा आयोग की किसी भी परीक्षा में नहीं शामिल हो सकती हैं.क्या था पूजा खेडकर का विवाद?ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर महाराष्ट्र के पुणे में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनात थी. ज्वाइन करते हुए उन्होंने पुणे कलेक्टर से अगल से केबिन, लाल बत्ती वाली गाड़ी और घर की मांग की, जिसकी शिकायत पुणे कलेक्टर ने उच्च स्तर पर की और उनका तबादला वासिम कर दिया गया था. उसके बाद खेडकर पर फर्जी तरीके से आईएएस बनने के आरोप लगने लगे और उन्हें वापस लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी बुला लिया गया था.