कोरोना वायरस / अमेरिका ने 'डेल्टा वैरिएंट' को 'चिंताजनक' श्रेणी में किया सूचीबद्ध, बताईं इसकी विशिष्टताएं

अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने भारत में सबसे पहले पहचाने गए 'डेल्टा वैरिएंट' को अब 'चिंताजनक' श्रेणी में सूचीबद्ध कर दिया है। एजेंसी के मुताबिक, यह वैरिएंट तेज़ी से फैलता है और आपातकाल स्थिति में इस्तेमाल हो रहे कुछ मोनोक्लोनल ऐंटीबॉडी ट्रीटमेंट व पोस्ट-वैक्सीनेशन सेरा की प्रभावशीलता में यह वैरिएंट संभावित कमी दिखाता है।

Vikrant Shekhawat : Jun 17, 2021, 09:28 AM
वाशिंगटन: अमेरिका कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को फैलते देख सतर्क हो गया है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने डेल्टा को चिंताजनक बताते हुए लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। ब्रिटेन ने भी डेल्टा के प्रसार को देख 21 जून से राहत देने के फैसले पर रोक लगाने की घोषणा कर दी है।

सीडीसी ने अपील की है कि देश में लग रहा टीका इस रूप के खिलाफ असरदार है। इसलिए बाकी लोग भी नई लहर से खुद को बचाने के लिए टीका लगवाएं। एक नई रिपोर्ट के चिंता बढ़ा दी है। इसके मुताबिक एस्ट्रजेनेका की एक डोज डेल्टा वैरिएंट से बचाव में सिर्फ 33 फ़ीसदी कारगर है।

अमेरिका में 44% को टीका लगा 

सिर्फ 44 फ़ीसदी आबादी को टीके की दोनों डोज लग पाई है। सीडीसी की सलाहकार डॉ समर  गैलोवे का कहना है कि संक्रमित घट रहे हैं। लोग टीका भी लगवा रहे हैं।

कई गुना तेजी से फैल रहा 

डॉक्टर समर गैलोवे बताती हैं कि 22 मई तक वायरस फैलने की दर 2.7 फ़ीसदी थी जो 5 जून को बढ़कर 10 फीसदी हो गई। डॉक्टर गैलोवे का कहना है कि अल्फा वैरिएंट बी1.1.7 से डेल्टा 50 गुना अधिक संक्रामक है। हां अभी इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि यह कितना घातक है।

वैरीएंट को लेकर सचेत रहे 

कोरोना वायरस वैरिएंट को बी1.617 समेत छह रूपों को लेकर सतर्कता जरूरी है। डेल्टा वैरिएंट की पहचान सबसे पहले दिसंबर में भारत में हुई थी जो जून तक दुनिया के 54 देशों तक पहुंच चुका है। ब्रिटेन में इसकी मौजूदगी का पता मार्च में लगा। इसके बाद पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने 28 अप्रैल को इसे चिंताजनक स्वरूप बताया। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने भी मई में चिंताजनक घोषित कर दिया।