AMAR UJALA : Aug 17, 2020, 07:55 AM
अमेरिका और पोलैंड के बीच शनिवार को राजधानी में अमेरिकी सेना की तैनाती को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इससे बाल्टिक सागर क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और पोलैंड के रक्षा मंत्री मॉरिअस ब्लाजजेक ने वॉरसा ने इस समझौते को अंतिम रूप दिया। इस क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती को लेकर रूस आक्रामक रहा है।
बाल्टिक सागर के रास्ते ही होता है मॉस्को का ज्यादातर व्यापाररूस का ज्यादातर व्यापार सेंट पीटर्सबर्ग बंदरगाह से बाल्टिक सागर के रास्ते ही होता है। ऐसे में रूस इसे अपना घेराव बता रहा है। दोनों देशों में के बीच इस समझौते से तनाव बढ़ सकता है। समझौते के तहत पौलैंड सरकार अमेरिकी सेना की तैनाती के बदले अमेरिका को अनुदान देगी। वर्तमान में पोलैंड में 4,500 अमेरिकी सैनिक हैं। अमेरिका की योजना जर्मनी से अपने सैनिकों को निकालकर यहां तैनात करने की है। बताया जा रहा है कि अमेरिका एक हजार से अधिक और सैनिकों को वॉरसा में तैनात कर सकता है। पिछले माह ट्रंप ने ऐलान किया था कि जर्मनी से लगभग 12 हजार सैनिकों को हटाया जाएगा। इनमें से कुछ अमेरिका वापस लौटेंगे जबकि 5,600 सैनिकों को पौलैंड सहित कई देशों में भेज दिया जाएगा।
बाल्टिक सागर के रास्ते ही होता है मॉस्को का ज्यादातर व्यापाररूस का ज्यादातर व्यापार सेंट पीटर्सबर्ग बंदरगाह से बाल्टिक सागर के रास्ते ही होता है। ऐसे में रूस इसे अपना घेराव बता रहा है। दोनों देशों में के बीच इस समझौते से तनाव बढ़ सकता है। समझौते के तहत पौलैंड सरकार अमेरिकी सेना की तैनाती के बदले अमेरिका को अनुदान देगी। वर्तमान में पोलैंड में 4,500 अमेरिकी सैनिक हैं। अमेरिका की योजना जर्मनी से अपने सैनिकों को निकालकर यहां तैनात करने की है। बताया जा रहा है कि अमेरिका एक हजार से अधिक और सैनिकों को वॉरसा में तैनात कर सकता है। पिछले माह ट्रंप ने ऐलान किया था कि जर्मनी से लगभग 12 हजार सैनिकों को हटाया जाएगा। इनमें से कुछ अमेरिका वापस लौटेंगे जबकि 5,600 सैनिकों को पौलैंड सहित कई देशों में भेज दिया जाएगा।