Vikrant Shekhawat : May 11, 2022, 06:50 AM
हंबनटोटा (श्रीलंका)। श्रीलंका (Sri Lanka) में एयरपोर्ट खाली पड़े हैं। यहां न तो विमान हैं और न ही यात्री। ऐसे ही रीवॉल्विंग रेस्तरां में डिनर करने वाला कोई नहीं है, बंदरगाह भारी कर्ज में डूबे हुए हैं। ये सरकारी खर्च पर बने ऐसे स्मारक हैं जिन्हें चीन (china) से कर्ज लेकर बनाया गया है। इन्हीं प्रोजेक्ट्स के कारण श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहा है। दरअसल श्रीलंका ने बजट की कमी और व्यापार घाटे को पूरा करने के लिए चीन से भारी उधार लिया था। उसने यह राशि गैर-विचारणीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर खर्च की, इससे सार्वजनिक फंड को बड़ा नुकसान हुआ।
एएफपी के अनुसार श्रीलंका अपने अब तक के सबसे खराब वित्तीय संकट की चपेट में है। यहां के लोगों को भोजन तक के लिए परेशान होना पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस की भारी कमी हो गई है। महंगाई बहुत अधिक बढ़ गई है। बिजली संकट भी गहरा गया है। इससे परेशान होकर जनता सड़कों पर उतर कर सरकार से इस्तीफे की मांग कर रही है। सरकार का विरोध और प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगे जाने को लेकर जनता अब हिंसक हो गई है। पीएम के इस्तीफे देने के बावजूद हंगामा शांत नहीं हुआ है।श्रीलंका में कई शहरों में हिंसा, 8 की मौत और सैकड़ों घायल श्रीलंका के तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। जनता ने उनसे तुरंत इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन जारी रखा था। इस घटनाक्रम के बीच प्रदर्शनकारियों पर महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा हमला बोल दिया गया और यह उग्र हिंसा में बदल गया। इसके कारण कोलंबो और देश के कई शहरों में हिंसा की वारदाते हुई जिसमें 8 लोगों के मारे जाने और सैकड़ों लोगों के घायल होने की खबर है। सरकार ने राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाया हुआ है। इधर, चीनी राजदूत क्यूई जेनहोंग ने पिछले महीने संवाददाताओं से कहा कि चीन ने श्रीलंका की सबसे अच्छे से मदद की है। चीन ने पूरी कोशिश की थी कि श्रीलंका डिफाल्ट न करे, लेकिन श्रीलंका आईएमएफ के पास गया और उसने डिफाल्ट कर दिया। यह सबसे बड़े दुख की बात है।
एएफपी के अनुसार श्रीलंका अपने अब तक के सबसे खराब वित्तीय संकट की चपेट में है। यहां के लोगों को भोजन तक के लिए परेशान होना पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस की भारी कमी हो गई है। महंगाई बहुत अधिक बढ़ गई है। बिजली संकट भी गहरा गया है। इससे परेशान होकर जनता सड़कों पर उतर कर सरकार से इस्तीफे की मांग कर रही है। सरकार का विरोध और प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगे जाने को लेकर जनता अब हिंसक हो गई है। पीएम के इस्तीफे देने के बावजूद हंगामा शांत नहीं हुआ है।श्रीलंका में कई शहरों में हिंसा, 8 की मौत और सैकड़ों घायल श्रीलंका के तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। जनता ने उनसे तुरंत इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन जारी रखा था। इस घटनाक्रम के बीच प्रदर्शनकारियों पर महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा हमला बोल दिया गया और यह उग्र हिंसा में बदल गया। इसके कारण कोलंबो और देश के कई शहरों में हिंसा की वारदाते हुई जिसमें 8 लोगों के मारे जाने और सैकड़ों लोगों के घायल होने की खबर है। सरकार ने राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाया हुआ है। इधर, चीनी राजदूत क्यूई जेनहोंग ने पिछले महीने संवाददाताओं से कहा कि चीन ने श्रीलंका की सबसे अच्छे से मदद की है। चीन ने पूरी कोशिश की थी कि श्रीलंका डिफाल्ट न करे, लेकिन श्रीलंका आईएमएफ के पास गया और उसने डिफाल्ट कर दिया। यह सबसे बड़े दुख की बात है।