मेरठ / जवानों को जिंदा जलाना चाहते थे उपद्रवी, जारी हुआ नया वीडियो, देखें ये तस्वीरें

मेरठ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच अब वीडियो वार शुरू हो गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें साफ दिख रहा है कि एक दुकान में बंद पीएसी के रंगरूटों और आरएएफ के दो जवानों को उपद्रवी जिंदा जलाना चाहते थे। कड़ी मशक्कत के बाद रंगरूटों को बचाया जा सका था। वहीं, एक वीडियो प्रदर्शनकारियों की तरफ से भी जारी किया गया, जिसमें पुलिसकर्मी तोड़फोड़ करते हुए दिख रहे हैं।

AMAR UJALA : Jan 03, 2020, 07:59 AM
मेरठ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच अब वीडियो वार शुरू हो गया है। दोनों तरफ से 20 दिसंबर को हुए उपद्रव के लगातार वीडियो जारी किए जा रहे हैं। पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें साफ दिख रहा है कि एक दुकान में बंद पीएसी के रंगरूटों और आरएएफ के दो जवानों को उपद्रवी जिंदा जलाना चाहते थे। कड़ी मशक्कत के बाद रंगरूटों को बचाया जा सका था। वहीं, एक वीडियो प्रदर्शनकारियों की तरफ से भी जारी किया गया, जिसमें पुलिसकर्मी तोड़फोड़ करते हुए दिख रहे हैं।

एसपी सिटी डॉ. एएन सिंह के मुताबिक गोली चलाने वाले तीन आरोपी नईम, फैसल और अनीस की पहचान हुई हैं, जिन पर 20-20 हजार रुपये का इनाम है। तीनों आरोपियों की तलाश में पुलिस दबिश देने में लगी है।

पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उपद्रवियों ने हापुड़ रोड पर 30 रंगरूट और एक एसडीएम को बंधक बनाकर आग लगाने का प्रयास कर रहे हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि उपद्रवी पुलिस फोर्स को अपना निशाना बना रहे हैं। इसके अलावा दो अन्य वीडियो भी हैं, जिसमें उपद्रवी पुलिस को टारगेट बनाकर हमला कर रहे हैं। पुलिस हापुड़ रोड और लिसाड़ीगेट से कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज ले रही है, जिसमें उपद्रवियों के कारनामे साफ दिखाई दे रहे हैं।

पुलिस भी तोड़फोड़ करती दिखी

उपद्रवियों से मोर्चा लेते समय पुलिस भी एक कार में तोड़फोड़ करती दिखाई दे रही है। जिसमें पुलिसकर्मियों ने सड़क पर खड़ी कार के शीशे तोड़े व आगे निकल गई। यह वीडियो भी पुलिस को मिली है। हालांकि इस वीडियो के बारे में कोई भी पुलिसकर्मी बोलने को तैयार नहीं है। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि किसी भी पुलिसकर्मी ने तोड़फोड़ नहीं की है। उपद्रवियों से पुलिसकर्मियों ने डटकर मुकाबला किया है।

पीएफआई को गंभीरता से नहीं लिया

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का ऑफिस हापुड़ रोड स्थित शास्त्रीनगर में बताया गया। विवादित पर्चे और पोस्टर चस्पा कर लोगों को भड़काने के लिये यह संगठन छह महीने से काम कर रहा था। नौचंदी पुलिस ने चार महीने पहले दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज भेजा था। जहां से काफी मात्रा में विवादित पर्चे भी बरामद किये थे।

पुलिस ने कमजोर धारा लगाई, जिससे आरोपी छूट गए व फिर इस मामले में काम करने लगे। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते उनका संगठन और बढ़ गया। पुलिस पहले ही सख्ती से कार्रवाई कर लेती तो शायद 20 दिसंबर को हुआ उपद्रव बचाया जा सकता था।

मोर्चा न लेते तो और मौतें होतीं

पुलिस फोर्स ने उपद्रवियों से सीधा मुकाबला किया है। अगर पुलिस पीछे हटती तो उपद्रवी और हावी हो जाते और कई लोगों की जान जा सकती थी। पुलिस ने चार घंटे उपद्रवियों से मोर्चा लेकर शहर को जलने से बचाया है।