Vikrant Shekhawat : Oct 08, 2022, 02:48 PM
Bollywood | पैन इंडिया एक्टर प्रभास (Prabhas), सैफ अली खान (Saif Ali Khan) और कृति सेनन (Kriti Sanon) स्टारर फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) का टीजर कुछ वक्त पहले रिलीज किया गया था, जिसके बाद से ही फिल्म विवादों में है। रावण बने सैफ अली खान सहित हनुमान के लुक तक पर लोग सवाल उठा रहे हैं। वहीं इस बीच फिल्म की तुलना अक्षय कुमार (Akshay Kumar) स्टारर फिल्म राम सेतु (Ram Setu) से भी होने लगी है। ऐसे में आदिपुरुष डायरेक्टर ओम राउत (Om Raut) ने इस पर रिएक्ट किया है।राम सेतु की तारीफ करते दिखे ओम राउतराम सेतु संग आदिपुरुष की तुलना पर ओम राउत ने कहा, 'रामायण हमारा इतिहास है, और प्रभु राम के भक्त होने के नाते मैं बेहद खुश हूं कि राम सेतु में दिखाया गया है कि जो भी हुआ वो सिर्फ एक कहानी नहीं है। ये फिल्म दुनिया और हमारी नई जनरेशन को बताएगी कि रामायण हमारा इतिहास है सिर्फ कोई धार्मिक कहानी नहीं है। मैंने अक्षय सर से भी कहा था कि मुझे इस फिल्म को लेकर गर्व महसूस होता है। ये सभी को दिखाएगा कि हमारे पास राम जन्मभूमि, पंचवटी और राम सेतु है।'रामायण से जुड़ी हैं राम सेतु और आदिपुरुषबता दें कि राम सेतु इस साल दिवाली पर रिलीज होगी और फिल्म में अक्षय कुमार के साथ ही साथ जैकलीन फर्नांडिस और नुसरत भरूचा लीड रोल में नजर आएंगे। दोनों ही फिल्में माइथोलॉजी और रामायण से जुड़ी हैं ऐसे में इसकी तुलना फिल्म आदिपुरुष से हो रही है। ऐसे में दोनों की तुलना होना शुरू हो गई है और सोशल मीडिया यूजर्स दोनों ही फिल्मों के बारे में रिएक्ट कर रहे हैं। एक ओर जहां राम सेतु का क्लैश, अजय देवगन की थैंक गॉड से होगा तो दूसरी ओर आदिपुरुष को लेकर विवाद जारी है।फिल्म का नाम आदिपुरुष क्यों?बीते दिन कुछ पत्रकारों को फिल्म आदिपुरुष का 3डी टीजर दिखाया गया, जिसे पसंद किया गया। इस दौरान ओम राउत से सवाल पूछा गया कि फिल्म का नाम आदिपुरुष ही क्यों रखा गया.. रामायण या फिर मर्यादापुरुषोत्तम राम आदि क्यों नहीं? इस पर ओम कहते हैं, 'अगर आप ध्यान दें तो हमारी रामायण ऐसी नहीं है जिसे आप सिर्फ 3 घंटे में खत्म कर सकें। रामायण में प्रभु राम के साथ ही साथ मां सीता और अन्य सभी की भी जिंदगी से रूबरू करवाया गया है और सिर्फ तीन घंटे में ऐसा करना मुश्किल है। इसलिए फिल्म में सिर्फ एक ही भाग पर ज्यादा फोकस है और वो है सीता मां के हरण से रावण वध तक। रामायण को जिस नजर से ओम राउत 10 साल पहले देखता था, आज वैसे नहीं देखता और शायद आने वाले दस साल बात मेरा नजरिया अलग हो। ये शायद सभी के साथ है, तो जिन राम को मैं फिल्म में देख और दिखा रहा हूं, वो पराक्रमी हैं, उत्तम से भी उत्तम हैं, गुणों में सर्वोत्तम हैं। तो यहां पर फिल्म में आदि का मतलब शुरुआती नहीं बल्कि सर्वोपरी है।