AajTak : Sep 15, 2020, 03:39 PM
Delhi: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में चीन से जारी विवाद पर बयान दिया। राजनाथ सिंह ने इस दौरान चीन सीमा पर अप्रैल के बाद से किस तरह चीनी सेना ने हरकत की, उसकी पूरी जानकारी दी। राजनाथ सिंह ने बताया कि अप्रैल से लेकर अबतक चीन की ओर से कई बार घुसपैठ की कोशिश की गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अप्रैल में ईस्टर्न लद्दाख की सीमा पर चीन ने अपने सैनिकों की संख्या और हथियारों को बढ़ाया, मई महीने में चीन ने हमारे सैनिकों की पेट्रोलिंग में व्यवधान पैदा किया। इसी बीच मई में ही चीन ने वेस्टर्न सेक्टर में चीन ने घुसपैठ की कोशिश, जिसमें पैंगोंग लेक भी शामिल है। भारत ने वक्त रहते इसपर जरूरी एक्शन लिया। इस मामले पर राजनाथ सिंह बोले कि हमने चीन को कूटनीतिक मामले से बताया है कि ऐसी गतिविधियां हमें मंजूर नहीं हैं। दोनों देशों के कमांडरों ने 6 जून को मीटिंग की और सैनिकों की संख्या घटाने की बात कही। इसी के बाद 15 जून को चीन ने हिंसा प्रयोग किया, इसी झड़प में भारत के जवान शहीद हुए और चीनी सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले कि पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों को रखना जरूरी है, इसी कारण हमारी ओर से मिलिट्री, डिप्लोमेटिक तौर पर बात हो रही है। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों को LAC का सम्मान करना चाहिए, LAC पर घुसपैठ नहीं होनी चाहिए और समझौतों को मानना चाहिए। इसके बावजूद 29-30 अगस्त को पैंगोंग में चीन ने घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारतीय जवानों ने उसका जवाब दिया। राजनाथ ने बताया कि अभी की स्थिति के अनुसार, चीनी साइड ने LAC और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोलाबारूद इकट्ठा किया है। पूर्वी लद्दाख और Gogra, Kongka La और Pangong Lake का North और South Banks पर कई इलाके हैं जहां तनाव है। राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने 1993 के समझौते का उल्लंघन किया है, लेकिन भारत ने इसका पालन किया है। चीन के कारण समय-समय पर झड़प की स्थिति पैदा हुई है। इस वक्त चीन ने सीमा पर बड़ी संख्या में हथियारों का जमावड़ा किया है, लेकिन हमारी सेना जवाब देने में सक्षम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सीमा के विवाद को शांति और बातचीत से सुलझाना चाहता है, लेकिन हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं। राजनाथ बोले कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा और देश की सेना इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अप्रैल में ईस्टर्न लद्दाख की सीमा पर चीन ने अपने सैनिकों की संख्या और हथियारों को बढ़ाया, मई महीने में चीन ने हमारे सैनिकों की पेट्रोलिंग में व्यवधान पैदा किया। इसी बीच मई में ही चीन ने वेस्टर्न सेक्टर में चीन ने घुसपैठ की कोशिश, जिसमें पैंगोंग लेक भी शामिल है। भारत ने वक्त रहते इसपर जरूरी एक्शन लिया। इस मामले पर राजनाथ सिंह बोले कि हमने चीन को कूटनीतिक मामले से बताया है कि ऐसी गतिविधियां हमें मंजूर नहीं हैं। दोनों देशों के कमांडरों ने 6 जून को मीटिंग की और सैनिकों की संख्या घटाने की बात कही। इसी के बाद 15 जून को चीन ने हिंसा प्रयोग किया, इसी झड़प में भारत के जवान शहीद हुए और चीनी सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले कि पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों को रखना जरूरी है, इसी कारण हमारी ओर से मिलिट्री, डिप्लोमेटिक तौर पर बात हो रही है। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों को LAC का सम्मान करना चाहिए, LAC पर घुसपैठ नहीं होनी चाहिए और समझौतों को मानना चाहिए। इसके बावजूद 29-30 अगस्त को पैंगोंग में चीन ने घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारतीय जवानों ने उसका जवाब दिया। राजनाथ ने बताया कि अभी की स्थिति के अनुसार, चीनी साइड ने LAC और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोलाबारूद इकट्ठा किया है। पूर्वी लद्दाख और Gogra, Kongka La और Pangong Lake का North और South Banks पर कई इलाके हैं जहां तनाव है। राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने 1993 के समझौते का उल्लंघन किया है, लेकिन भारत ने इसका पालन किया है। चीन के कारण समय-समय पर झड़प की स्थिति पैदा हुई है। इस वक्त चीन ने सीमा पर बड़ी संख्या में हथियारों का जमावड़ा किया है, लेकिन हमारी सेना जवाब देने में सक्षम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सीमा के विवाद को शांति और बातचीत से सुलझाना चाहता है, लेकिन हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं। राजनाथ बोले कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा और देश की सेना इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।