AajTak : Jan 20, 2020, 05:27 PM
बजट 2020 के दस्तावेजों की छपाई सोमवार को 'हलवा रस्म' के साथ शुरू हो जाएगी। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2020-2021 का आम बजट पेश करेंगी। ऐसे में 'हलवा रस्म' का विशेष महत्व होता है। इस रस्म के मुताबिक पहले लोहे के एक बड़े बर्तन में हलवा तैयार किया जाता है। जिसे वित्त मंत्री समेत मंत्रालय के सभी कर्मचारियों में बांटा जाता है। उसके बाद सभी कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के अंदर बजट की छपाई में लग जाते हैं। इस दौरान कोई भी कर्मचारी अपने घर नहीं जाता है। सब बजट पेश किए जाने तक वहीं बंद रहते हैं।कैसे शुरू हुई हलवा रस्म की प्रथा
भारतीय परंपरा में किसी भी महत्वपूर्ण चीज की शुरुआत मुंह मीठा किए जाने से होती है। देश की अर्थव्यवस्था बुलंदियों पर रहने की मंशा के साथ सभी कर्मचारी 10 दिनों तक लगातार छपाई के काम में लग जाते हैं। इस दौरान वे सभी किसी भी बाहरी शख्स से दूर रहते हैं और कमरे में बंद होकर काम करते हैं। जाहिर है हर साल वित्तीय बजट से सरकार, उद्योग और आम लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं। इसलिए यह कार्य काफी महत्वपूर्ण है।इसके अलावा, क्योंकि अगले दस दिनों तक कर्मचारी सब कुछ छोड़ कर एकाग्रता के साथ बजट छपाई के काम में जुड़ेंगे, इसलिए हलवा खिलाकर एक तरीके से लोगों को उत्साहित किया जाता है। जैसा कि हर बड़े काम से पहले किया जाता है।
क्या है परंपरा
बजट से दस दिन पहले सभी कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक में इकट्ठा होते हैं। एक बड़ी से लोहे की कड़ाही लाई जाती है। इसे चूल्हे पर गर्म होने के लिए चढ़ाया जाता है। जिसके बाद वित्त मंत्री कड़ाही में घी डालते हैं और हलवा बनाने की शुरुआत करते हैं। इतना ही नहीं जब हलवा तैयार होता है तो उसे कर्मचारियों के लिए परोसने का काम भी वित्त मंत्री ही करते हैं।जाहिर है वित्त मंत्री टीम का नेतृत्व करते हैं। ऐसे में वो अगर खुद हलवा बनाए और परोसे तो कर्मचारियों की हौसला अफजाई होती है।कमरे में बंद रहते हैं कर्मचारी
'हलवा रस्म' से पहले बजट छपाई में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों की लिस्ट तैयार होती है। उन्हें दस दिन पहले नॉर्थ ब्लॉक लाया जाता है। जहां पर उनके रहने, खाने और सोने की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित की जाती है। 'हलवा रस्म' शुरू होने से पहले ही सभी से मोबाइल फोन ले लिए जाते हैं। जैसे ही छपाई का काम शुरू होता है उनका बाहरी कनेक्शन पूरी तरह से खत्म हो जाता है। वो इस अवधि के दौरान किसी भी तरीके के संचार माध्यम से दूर रहते हैं। उन्हें अपने परिवार से संपर्क करने की भी अनुमति नहीं होती है।क्यों कमरे में किया जाता है बंद
बजट छपाई के दौरान मसौदे की प्रिंटिंग होती है। कर्मचारी प्रिंटिंग से पहले प्रूफ रीडिंग करते हैं और किसी तरह की गलती को ठीक करते हैं। इस दौरान उन्हें अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी फैसलों की जानकारी हो जाती है। ऐसे में अगर वो किसी बी बाहरी व्यक्ति से संपर्क करेंगे तो वो सरकार की नीतियों का फायदा उठा सकते हैं। मान लीजिए किसी महत्वपूर्ण वस्तु का दाम बढ़ने वाला है और कर्मचारी ने यह बात किसी परिचित को बता दी। संभव है कि वो इसकी कालाबाजारी करने के लिए जमाखोरी करे, जिससे कि वस्तु महंगा होने पर ज्यादा फायदा कमाया जा सके। यानी कि कर्मचारी, सरकारी जानकारी का अपने निजी हित के लिए बेजा इस्तेमाल कर सकता है। इसलिए सभी कर्मचारियों को हलवा रस्म के साथ कमरे में तब तक बंद रहना पड़ता है जब तक कि बजट लोगों के सामने न आ जाए।
भारतीय परंपरा में किसी भी महत्वपूर्ण चीज की शुरुआत मुंह मीठा किए जाने से होती है। देश की अर्थव्यवस्था बुलंदियों पर रहने की मंशा के साथ सभी कर्मचारी 10 दिनों तक लगातार छपाई के काम में लग जाते हैं। इस दौरान वे सभी किसी भी बाहरी शख्स से दूर रहते हैं और कमरे में बंद होकर काम करते हैं। जाहिर है हर साल वित्तीय बजट से सरकार, उद्योग और आम लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं। इसलिए यह कार्य काफी महत्वपूर्ण है।इसके अलावा, क्योंकि अगले दस दिनों तक कर्मचारी सब कुछ छोड़ कर एकाग्रता के साथ बजट छपाई के काम में जुड़ेंगे, इसलिए हलवा खिलाकर एक तरीके से लोगों को उत्साहित किया जाता है। जैसा कि हर बड़े काम से पहले किया जाता है।
क्या है परंपरा
बजट से दस दिन पहले सभी कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक में इकट्ठा होते हैं। एक बड़ी से लोहे की कड़ाही लाई जाती है। इसे चूल्हे पर गर्म होने के लिए चढ़ाया जाता है। जिसके बाद वित्त मंत्री कड़ाही में घी डालते हैं और हलवा बनाने की शुरुआत करते हैं। इतना ही नहीं जब हलवा तैयार होता है तो उसे कर्मचारियों के लिए परोसने का काम भी वित्त मंत्री ही करते हैं।जाहिर है वित्त मंत्री टीम का नेतृत्व करते हैं। ऐसे में वो अगर खुद हलवा बनाए और परोसे तो कर्मचारियों की हौसला अफजाई होती है।कमरे में बंद रहते हैं कर्मचारी
'हलवा रस्म' से पहले बजट छपाई में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों की लिस्ट तैयार होती है। उन्हें दस दिन पहले नॉर्थ ब्लॉक लाया जाता है। जहां पर उनके रहने, खाने और सोने की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित की जाती है। 'हलवा रस्म' शुरू होने से पहले ही सभी से मोबाइल फोन ले लिए जाते हैं। जैसे ही छपाई का काम शुरू होता है उनका बाहरी कनेक्शन पूरी तरह से खत्म हो जाता है। वो इस अवधि के दौरान किसी भी तरीके के संचार माध्यम से दूर रहते हैं। उन्हें अपने परिवार से संपर्क करने की भी अनुमति नहीं होती है।क्यों कमरे में किया जाता है बंद
बजट छपाई के दौरान मसौदे की प्रिंटिंग होती है। कर्मचारी प्रिंटिंग से पहले प्रूफ रीडिंग करते हैं और किसी तरह की गलती को ठीक करते हैं। इस दौरान उन्हें अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी फैसलों की जानकारी हो जाती है। ऐसे में अगर वो किसी बी बाहरी व्यक्ति से संपर्क करेंगे तो वो सरकार की नीतियों का फायदा उठा सकते हैं। मान लीजिए किसी महत्वपूर्ण वस्तु का दाम बढ़ने वाला है और कर्मचारी ने यह बात किसी परिचित को बता दी। संभव है कि वो इसकी कालाबाजारी करने के लिए जमाखोरी करे, जिससे कि वस्तु महंगा होने पर ज्यादा फायदा कमाया जा सके। यानी कि कर्मचारी, सरकारी जानकारी का अपने निजी हित के लिए बेजा इस्तेमाल कर सकता है। इसलिए सभी कर्मचारियों को हलवा रस्म के साथ कमरे में तब तक बंद रहना पड़ता है जब तक कि बजट लोगों के सामने न आ जाए।