Order of the Nile / मिस्र का सर्वश्रेष्ठ सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नील' का क्या है इतिहास, जो PM मोदी को मिला?

पीएम मोदी मिस्र की यात्रा पर हैं. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह एल-सिसी ने रविवार को इन्हें देश के सबसे सर्वश्रेष्ठ सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नील’ से सम्मानित किया. पीएम मोदी को अब तक 13 देशों का सर्वश्रेष्ठ सम्मान मिल चुका है. ‘ऑर्डर ऑफ द नील’ सम्मान की शुरुआत 1915 में सुल्तान हुसैन ने की थी. सुल्तान ने इस सम्मान की शुरुआत उन शख्सियतों के लिए की थी जो देश के लिए अपना विशेष योगदान देते हैं. 1953 में राजशाही समाप्त होने तक

Vikrant Shekhawat : Jun 25, 2023, 05:49 PM
Order of the Nile: पीएम मोदी मिस्र की यात्रा पर हैं. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह एल-सिसी ने रविवार को इन्हें देश के सबसे सर्वश्रेष्ठ सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नील’ से सम्मानित किया. पीएम मोदी को अब तक 13 देशों का सर्वश्रेष्ठ सम्मान मिल चुका है. ‘ऑर्डर ऑफ द नील’ सम्मान की शुरुआत 1915 में सुल्तान हुसैन ने की थी. सुल्तान ने इस सम्मान की शुरुआत उन शख्सियतों के लिए की थी जो देश के लिए अपना विशेष योगदान देते हैं. 1953 में राजशाही समाप्त होने तक यह मिस्र साम्राज्य के प्रमुख सम्मान में से एक था.

जानिए क्या है ऑर्डर ऑफ द नील का इतिहास, इसका क्या महत्व है और मिस्र के लिए यह सम्मान क्यों इतना अहम है.

ऑर्डर ऑफ द नील कितना खास, 3 पॉइंट में समझें

शुद्ध सोने का कॉलर जिसमें तीन विशेष प्रतीक: 1953 में मिस्र के गणतंत्र बनने के बाद ‘ऑर्डर ऑफ द नील’ को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान के रूप में मान्यता मिली. ‘ऑर्डर ऑफ द नील’ सम्मान एक शुद्ध सोने के कॉलर के रूप में होता है. जिसमें तीन वर्गाकार सोने के टुकड़े होते हैं जिन पर विशेष प्रतीक बने होते है.

तीनों प्रतीक के हैं विशेष मायने: सोने का पहला टुकड़ा देश को बुराइयों से बचाने के विचार जुड़ा है. दूसरा, नील नदी द्वारा लाई गई समृद्धि और खुशी से ताल्लुक रखता है और तीसरा टुकड़ा धन और सहनशक्ति को दर्शाता है. यह सम्मान मिस्र की सभ्यता, कल्चर और इतिहास को बताता है. यही वजह है कि मिस्र में इस सम्मान को सर्वोच्च माना जाता है.

फिरोजा और माणिक जड़ा फूल: ‘ऑर्डर ऑफ द नील’सम्मान में फ़िरोज़ा और माणिक से जड़े हुए सोने के फूल एक-दूसरे से जुड़े हैं. इसके अंत में एक कॉलर से लटका हुआ एक हेक्सागोनल लटकन है जो फ़ारोनिक शैली के फूलों, फ़िरोज़ा और रूबी रत्नों से सजाया गया है. पेंडेंट के बीच में, नील नदी का प्रतिनिधित्व करने वाला एक उभरा हुआ प्रतीक है जो उत्तर और दक्षिण को एक साथ लाने का प्रतीक है.

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9 सालों में पीएम मोदी को मिला 13 देशों का उच्च सम्मान

पिछले 9 सालों में पीएम मोदी 13 देशों के सर्वश्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें सऊदी अरब, अफगानिस्तान, अमेरिका समेत 13 देश सम्मानित कर चुके हैं. सबसे पहले 2016 में उन्हें सऊदी अरब ने सम्मानित किया. उन्हें ऑर्डर ऑफ अब्दुलाजीज अल-सऊद सम्मान से नवाजा. यह सम्मान पाने वाले पीएम मोदी पहले ऐसे शख्स हैं जिन्हें एक गैर-मुस्लिम के तौर पर यह सम्मान मिला. यह सम्मान मिलने पर दुनियाभर में यह चर्चा का विषय बना था.

फिर फिलिस्तीन ने ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन अवॉर्ड दिया. इसके बाद कई देशों ने अपने यहां के उच्च सम्मान से पीएम मोदी को सम्मानित किया.