वैक्सीन / 12 साल से अधिक उम्र के लिए स्वीकृत भारत की पहली कोविड-19 वैक्सीन ZyCoV-D क्या है?

ज़ायडस कैडिला की ZyCoV-D भारत में पहली कोविड-19 वैक्सीन है जिसे डीसीजीआई ने 12 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों में आपातकालीन इस्तेमाल की मंज़ूरी दी है। केंद्र ने कहा, "3-डोज़ वाली यह वैक्सीन लगाने पर SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है और इम्यून प्रदान करता है।" ZyCoV-D तीसरे चरण के ट्रायल में 66.6% प्रभावी रही।

Vikrant Shekhawat : Aug 21, 2021, 09:13 AM
ZyCoV-D Vaccine Emergency Approval: भारत में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में एक और हथियार मिल गया है. जायडस कैडिला की वैक्सीन ZyCoV-D को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शुक्रवार को आपात इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. अब तक कुल 6 वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है. खास बात है की कोरोना के खिलाफ ये दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है. वहीं ये भारत की पहली वैक्सीन है जिसे 12 साल के ऊपर के लोगों को दिया जा सकता है, यानी 12 साल के ऊपर के बच्चों के लिए पहली वैक्सीन है.

कोविशील्ड, कोवेक्सीन, स्पुतनिक, मोडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के बाद भारत को कोरोना की एक और वैक्सीन मिल गई है. Zydus Cadila की ZyCoV-D कोरोना वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन दे दिया है. इस वैक्सीन का भारत में तीन चरण का ट्रायल हुआ है.

कम्पनी ने करीब 28 हजार लोगों पर ट्रायल पूरा करने के बाद इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन यानी आपात इस्तेमाल की मंजूरी को लेकर डीसीजीआई को आवेदन किया है. ये वैक्सीन दुनिया की पहली वैक्सीन है जो डीएनए बेस्ड है. वहीं सिंगल डोज और डबल डोज के बाद ये ट्रिपल डोज वाली वैक्सीन है. इस वैक्सीन की तीन डोज है जो कि 4-4 हफ्तों के अंतराल पर दी जा जाएंगी.

वैक्सीन की खास बातें-

इस वैक्सीन को 12 से 18 साल के करीब हजार बच्चों पर भी ट्रायल किया गया और सुरक्षित पाया गया. 

- इसकी एफिकेसी ये 66.6% है.

- तीन डोज वाले इस वैक्सीन को 4-4 हफ्तों के अंतराल पर दी जा सकती है.

- इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.

- ये पहली plasmid डीएनए वैक्सीन है.

- इसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं बल्कि ये वैक्सीन नीडल फ्री है, इसे जेट इंजेक्टर के ज़रिए दिया जा सकेगा।PharmaJet® एक सुई मुक्त ऐप्लिकेटर दर्द रहित इंट्राडर्मल वैक्सीन डिलीवरी सुनिश्चित करता है.

- कंपनी की योजना सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की है.

कम्पनी का दावा है की प्लग एंड प्ले तकनीक जिस पर प्लास्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म आधारित है, वह COVID-19 से निपटने के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है क्योंकि इसे वायरस में म्युटेशन से निपटने के लिए आसानी से अनुकूलित किया जा सकता है, जैसे कि पहले से होने वाले.

भारत में अभी पांच वैक्सीन को अनुमति मिल चुकी है जिसमें से तीन लोगो को दी जा रही है, ये है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, astrazenca और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और स्पुतनिक वी. जल्द ही मोडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन कि वैक्सीन आने की उम्मीद है.