Warren Buffett News / क्या होगा मौत के बाद संपत्ति का? खुद किया वॉरेन बफेट ने खुलासा

दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों में शामिल, यहां तक कि भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी से भी अधिक संपत्ति रखने वाले वॉरेन बफेट ने एक बड़ा खुलासा किया है. 93 साल की उम्र में पहुंच चुके वॉरेन बफेट ने जानकारी दी है कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी करीब 10 लाख करोड़ रुपए ( 128 अरब डॉलर) की संपत्ति का क्या होगा. वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे का अरबों डॉलर का कारोबार है. वह दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में इंवेस्टर हैं

Vikrant Shekhawat : Jul 03, 2024, 08:12 AM
Warren Buffett News: दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों में शामिल, यहां तक कि भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी से भी अधिक संपत्ति रखने वाले वॉरेन बफेट ने एक बड़ा खुलासा किया है. 93 साल की उम्र में पहुंच चुके वॉरेन बफेट ने जानकारी दी है कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी करीब 10 लाख करोड़ रुपए ( 128 अरब डॉलर) की संपत्ति का क्या होगा. वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे का अरबों डॉलर का कारोबार है. वह दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में इंवेस्टर हैं और साल 2006 में ही अपनी आधे से अधिक संपत्ति को दान कर चुके हैं. इसी के साथ उन्होंने हाल में अपनी वसीयत में बदलाव किए हैं.

मौत के बाद संपत्ति का क्या होगा?

वॉरेन बफेट ने पहले जब अपनी वसीयत बनाई थी, तो अपनी संपत्ति बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन को दान कर दी थी. बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की शुरुआत माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के फाउंडर बिल गेट्स और उनकी मिलिंडा गेट्स ने की थी. हालांकि अब दोनों पति-पत्नी नहीं हैं, लेकिन फाउंडेशन का काम बखूबी देखते हैं. ये फाउंडेशन अंडर प्रिविलेज लोगों के लिए काम करता है.

अब वॉरेन बफेट ने हाल में एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने अपनी वसीयत में कई बार संशोधन किया है. इस बार के संशोधन में उन्होंने अपनी संपत्ति अपने बच्चों के चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम कर दी है. उनके बच्चे एक चैरिटेबल ट्रस्ट चलाते हैं, और अब वॉरेन बफेट की संपत्ति उनकी मृत्यु के बाद इसी ट्रस्ट को जाएगी.

वॉरेन बफेट से सीखने वाली बात

वॉरेन बफेट ने दुनिया को बताया है कि कैसे-कैसे छोटी-छोटी बचत से शुरूआत करके, सही कंपनी, म्यूचुअल फंड और बिजनेस में इंवेस्ट करके पैसा कमाया जा सकता है. इतना पैसा कताया जा सकता है कि व्यक्ति अरबपति बन जाए. ऐसे में उनके अपनी वसीयत में बदलाव से भी काफी कुछ सीखने को मिलता है.

जैसे वॉरेन बफेट का ये फैसला सिखाता है कि बुजुर्ग होती पीढ़ी को सही समय पर अपनी वसीयत बना लेनी चाहिए. नहीं तो, ये संपत्ति मौत के बाद बच्चों में बंटवारे का झगड़ा करवाती है. जैसे मुकेश अंबानी के परिवार में जब उनके पिता की मृत्यु हुई, तो वसीयत नहीं होने की वजह से उनके अपने भाई के साथ बंटवारे की कहानी को पूरे देश-दुनिया ने देखा.

इसलिए मुकेश अंबानी ने अपने सामने रहते हुए बिजनेस की बागडोर नई पीढ़ी को सौंपनी शुरू कर दी है. मुकेश अंबानी अब अनंत अंबानी की शादी के बाद सक्सेशन प्लान पर ही फोकस कर सकते हैं.