Vikrant Shekhawat : May 12, 2021, 07:26 AM
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस के भारतीय वेरिएंट बी 1617 को वेरियंट ऑफ कंसर्न माना है. हालांकि डब्ल्यूएचओ ने साफ किया कि इसे वेरियन्ट ऑफ कंसर्न मानने की वजह यह है कि यह तेजी से ट्रांसमिट होता है यानी तेजी से फैलता है. इस वेरियन पर वैक्सीन कितना काम कर रही है यह जानने के लिए अभी और स्टडी की जानी बाकी है.अभी इस वायरस पर रखी जा रही कड़ी नजरडब्ल्यूएचओ ने यह भी बताया कि भारत सरकार के साथ-साथ और भी कई देश और स्वयं डब्ल्यूएचओ इस वेरियन्ट पर स्टडी कर रहा है. कल इसके बारे में और विस्तृत जानकारी डब्ल्यूएचओ के जरिए सामने आ सकती है. WHO की तकनीकी प्रमुख का बयानडब्ल्यूएचओ में कोविड-19 तकनीकी दल से जुड़ीं डॉ मारिया वैन केरखोव ने सोमवार को कहा कि सबसे पहले भारत में सामने आए वायरस के स्वरूप बी.1.617 को पहले डब्ल्यूएचओ द्वारा 'निगरानी स्वरूप' की श्रेणी में रखा गया था.चिंताजनक श्रेणी में की गई लिस्टिंगडॉ मारिया कहा कि वायरस के इस स्वरूप को लेकर डब्ल्यूएचओ के विभिन्न दलों के बीच भी चर्चा जारी है और उनकी नजर इस बात पर भी है कि 'हमारे पास इसकी संक्रमण के बारे में क्या क्या जानकारियां हैं तथा भारत एवं अन्य देशों में इस वायरस के प्रसार के बारे में क्या क्या अध्ययन हो रहे हैं.' केरखोव ने कहा, 'कोविड-19 के भारतीय स्वरूप के बारे में उपलब्ध जानकारी एवं इसकी प्रसार क्षमता पर चर्चा करने के बाद हमने इसे वैश्विक स्तर पर चिंताजनक स्वरूप की श्रेणी में रखा है.'