Vikrant Shekhawat : Aug 26, 2024, 07:10 PM
Ladakh News: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 5 नए जिलों की घोषणा की है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस फैसले की पुष्टि की और बताया कि लद्दाख में जास्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग नामक नए जिले स्थापित किए जाएंगे। यह घोषणा 2019 में जम्मू-कश्मीर से लद्दाख के विभाजन के बाद की गई है, जब पहले से ही लद्दाख में कारगिल और लेह जिले थे।इस ऐतिहासिक फैसले के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिन पर विचार करना आवश्यक है:1. प्रशासनिक शक्तियों का विभाजनलद्दाख में प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। मौजूदा स्थिति में, लेह और कारगिल जिलों के अंतर्गत आने वाले विशाल क्षेत्र के कारण, स्थानीय लोगों को सरकारी सेवाओं तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। नए जिलों की घोषणा से प्रशासनिक शक्तियों का विभाजन होगा और सेवा पहुंच को गांव-गांव तक पहुंचाने में आसानी होगी। पूर्व बीजेपी सांसद जयमांग नमगयाल ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि इससे प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा और स्थानीय लोगों की समस्याएं हल होंगी।2. जनजातीय समुदायों को अधिकार देने का संकेतलद्दाख में जनजातीय समूह लंबे समय से अपनी सांस्कृतिक और भौगोलिक विशिष्टताओं के संरक्षण के लिए संविधान के शेड्यूल-6 के तहत विशेष अधिकार की मांग कर रहे हैं। नए जिलों की घोषणा के बाद, इन क्षेत्रों को शेड्यूल-5 या शेड्यूल-6 के तहत स्वायत्तता देने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। इससे जनजातीय समुदायों को अधिक अधिकार मिलेंगे और उनके सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।3. जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में संकेतलद्दाख में नए जिलों की घोषणा जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के ठीक बीच में की गई है। इसे केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर संकेत माना जा सकता है। केंद्र सरकार ने वादा किया था कि चुनाव के बाद इस पर फैसला किया जाएगा, और लद्दाख की इस घोषणा के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि सरकार अपनी बातों को निभाती है और चुनावी वादे पूरे करती है।4. स्थानीय प्रदर्शन और मांगों की प्रतिक्रियालद्दाख में स्थानीय लोगों ने लंबे समय से कई महत्वपूर्ण मांगों को लेकर प्रदर्शन किए हैं। इनमें राज्य का दर्जा, शेड्यूल-6 के तहत अधिकार, विकास परियोजनाओं की ठेकेदारी में स्थानीय निवासियों की भागीदारी, और प्रशासनिक शक्ति का विभाजन शामिल हैं। मार्च 2024 में केंद्र सरकार ने इन मुद्दों पर स्थानीय प्रतिनिधियों से बैठक की थी, लेकिन तत्काल समाधान नहीं निकला था। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कमजोर स्थिति ने भी इस पर ध्यान आकर्षित किया है।निष्कर्षलद्दाख में 5 नए जिलों की घोषणा एक व्यापक प्रशासनिक और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा प्रतीत होती है। यह कदम स्थानीय जनजातीय समुदायों की स्वायत्तता को बढ़ावा देने, प्रशासनिक समस्याओं का समाधान करने, और जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में एक सकारात्मक संदेश भेजने का प्रयास है। हालांकि, इसके प्रभावों को समय के साथ ही पूरी तरह समझा जा सकेगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह निर्णय लद्दाख के विकास और सामाजिक-सांस्कृतिक संतुलन को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।