Jharkhand Politics / चंपई बनाएंगे सरकार या झारखंड में अभी भी होगा खेला? थोड़ी देर में राज्यपाल से मुलाकात

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में सियासी हलचल लगातार बढ़ती जा रही है. बताया जा रहा है कि महागठबंधन के विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया जा सकता है, जिसको लेकर तैयारियां चल रही हैं. एक स्पेशल विमान के रांची पहुंचने की सूचना सामने आई है. इस समय महागठबंधन के विधायक सर्किट हाउस में मौजूद हैं. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के चार विधायक गायब बताए जा रहे हैं, जिनका कोई अता पता नहीं है. इस बीच राज्यपाल ने चंपई

Vikrant Shekhawat : Feb 01, 2024, 05:34 PM
Jharkhand Politics: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में सियासी हलचल लगातार बढ़ती जा रही है. बताया जा रहा है कि महागठबंधन के विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया जा सकता है, जिसको लेकर तैयारियां चल रही हैं. एक स्पेशल विमान के रांची पहुंचने की सूचना सामने आई है. इस समय महागठबंधन के विधायक सर्किट हाउस में मौजूद हैं. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के चार विधायक गायब बताए जा रहे हैं, जिनका कोई अता पता नहीं है. इस बीच राज्यपाल ने चंपई सोरेन को साढ़े पांच बजे मिलने का वक्त दिया है. इससे पहले चंपई सोरेन ने आज दिन में राज्यपाल को एक पत्र लिखकर सरकार गठन के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था.

विधायकों के गायब होने के बाद कयास लगाए जाने लग गए हैं कि राज्य में खेला हो सकता है. खेला होने की संभावना को देखते हुए महागठबंधन एक्टिव हो गया है और विधायकों को एकत्रित करने में जुट गया है. वहीं, बीते दिन हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद तय हो गया था कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. महागठबंधन ने कहा कि चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया है. इसके बाद राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.

राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा गया, लेकिन राजभवन से शपथ ग्रहण को लेकर किसी प्रकार का कोई सूचना या समय नहीं दिया गया. इसके बाद आज राज्यपाल ने मिलने के लिए बुलाया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और संगठन मंत्री करमवीर सिंह ने बैठक की है. ये बैठक सूबे के राजनीतिक हालातों को देखते हुए बुलाई गई.

निशिकांत दुबे दावा, हैदराबाद जाने वाले केवल 35 विधायक

बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि रांची सर्किट हाउस में हैदराबाद जाने वाले केवल 35 विधायक हैं. उन्होंने कहा कि सरफराज अहमद विधायक नहीं हैं व हेमंत सोरेन जेल में हैं. अभी सभी विधायक राजभवन जाएंगे, वहां से वे एयरपोर्ट गाय, बकरी की तरह ढूंस के ले जाए जा रहे हैं. जेएमएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के अनुपस्थिति में यह निर्णय विधायक दल के नेता का कौन लेगा? सूचना अनुसार शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बसंत सोरेन को बनाना चाहते हैं.

एनडीए और महागठबंधन के पास कितने विधायक?

झारखंड में भले ही चंपई सोरेन बहुमत का दावा कर रहे हैं, लेकिन सस्पेंस बरकरार है. ऐसे में समझते हैं कि किन हालात में राज्य में एनडीए की सरकार संभव है? राज्य में विधानसभा के 80 सदस्य हैं. बहुमत के आंकड़े के लिए 41 विधायकों की संख्या चाहिए होती है. महागठबंधन का दावा है कि उसके पास 48 विधायक हैं, जिनमें 29 जेएमएम, 17 कांग्रेस, एक आरजेडी और एक लेफ्ट का विधायक है. वहीं, बीजेपी के 26, एजेएसयू के 3, एनसीपी (एपी) का एक और दो निर्दलीय विधायक हैं. कुल मिलाकर बीजेपी के पास 32 विधायक हैं. ऐसे में वह बहुमत का आंकड़ा छूते हुए दिखाई नहीं दे रही है.

कैसे NDA सरकार संभव?

बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास सरकार बनाने के तीन विकल्प मौजूद है. पहला विकल्प, अगर कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक टूट जाएं को बीजेपी के पास 44 विधायक हो जाएंगे और ये टूटे हुए विधायक दलबदल कानून से भी बच जाएंगे. दूसरा विकल्प, अगर JMM के 2 तिहाई यानी 20 MLA टूट जाएं तो एनडीए की सरकार बन सकती है. साथ दलबदल कानून से बच जाएंगे. ऐसे में NDA के पास 52 विधायक हो जाएंगे. अगर तीसरे विकल्प की बात करें तो महागठबंधन से कुल 17 विधायक वोटिंग से हट जाएं तो सदन का संख्याबल 63 रह जाएगा. ऐसे में सरकार बन जाएगी क्योंकि NDA के पास विधायक 32 विधायक हो जाएंगे. यही बहुमत का आंकड़ा होगा.