Shaktikanta Das / क्या अक्टूबर में होम-कार लोन होगा सस्ता? RBI गवर्नर का मिला जवाब

लंबे समय से लोन की ईएमआई घटने का इंतजार हो रहा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती महंगाई की दीर्घकालीन दर पर निर्भर करेगी। अक्टूबर की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरों में संभावित कटौती पर निर्णय होगा।

Vikrant Shekhawat : Sep 17, 2024, 06:30 AM
Shaktikanta Das: होम लोन, कार लोन और अन्य प्रकार के लोन की ईएमआई में कमी की उम्मीद लंबे समय से जताई जा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले लगभग दो वर्षों से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, जिससे लोन सस्ते होने की आशाएं अधूरी रह गई हैं। हालांकि, अब जब महंगाई नियंत्रण में है, तो कई लोग ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। इस पर विचार करने के लिए मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 7 से 9 अक्टूबर के बीच होने वाली है, और इसी बैठक में नीतिगत ब्याज दर में संभावित कटौती पर निर्णय लिया जाएगा।

आरबीआई गवर्नर का बयान

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में इस मुद्दे पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि नीतिगत ब्याज दर में कोई भी कटौती महंगाई की दीर्घकालिक दर पर निर्भर करेगी, न कि मासिक आंकड़ों पर। दास ने कहा, “सवाल यह नहीं है कि वर्तमान संदर्भ में, जुलाई की तरह, मुद्रास्फीति लगभग 3.6 प्रतिशत पर आ गई। यह संशोधित आंकड़ा है। अगस्त में यह 3.7 प्रतिशत पर आ गई है। इससे यह पता चलता है कि अभी मुद्रास्फीति की क्या स्थिति है। अब हमें अगले छह महीने, अगले एक साल के लिए, मुद्रास्फीति पर क्या दृष्टिकोण है, यह देखना होगा।”

उन्होंने बताया कि मुद्रास्फीति की मासिक गति महत्वपूर्ण है, लेकिन दीर्घकालिक रुझान पर भी ध्यान देना आवश्यक है। दास ने यह भी कहा कि आगामी मुद्रास्फीति वृद्धि दर को सकारात्मक रूप से देखा जाएगा और निर्णय इसी आधार पर लिया जाएगा।

कटौती की संभावना पर टिप्पणी

जब गवर्नर से पूछा गया कि क्या अक्टूबर की बैठक में नीतिगत दर में कटौती पर सक्रियता से विचार किया जाएगा, तो उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। दास ने कहा, “हम एमपीसी में चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे, लेकिन जहां तक ​​वृद्धि और मुद्रास्फीति की गतिशीलता का सवाल है, मैं दो बातें कहना चाहूंगा। एक, वृद्धि की गति अच्छी बनी हुई है, भारत की वृद्धि की गाथा बरकरार है। जहां तक ​​मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण की बात है, हमें मासिक गति को देखना होगा और इसके आधार पर निर्णय किया जाएगा।”

रुपये की स्थिरता पर ध्यान

दास ने यह भी उल्लेख किया कि रुपये ने 2023 की शुरुआत से वैश्विक स्तर पर सबसे कम अस्थिर मुद्राओं में से एक के रूप में खुद को स्थापित किया है। उन्होंने कहा, “हमारी घोषित नीति रुपये की अत्यधिक अस्थिरता को रोकना है। रुपये को स्थिर बनाए रखने से बाजार, निवेशकों और अर्थव्यवस्था में भरोसा पैदा होता है।”

दास ने यह भी कहा कि आरबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इसे सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाता रहेगा।

भविष्य की दिशा

वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, जानकारों का कहना है कि आरबीआई इस बार ब्याज दरों में कटौती का फैसला भी कर सकता है। हालांकि, गवर्नर दास की टिप्पणियों से यह स्पष्ट है कि कोई भी निर्णय दीर्घकालिक मुद्रास्फीति रुझानों पर आधारित होगा और मासिक आंकड़ों से प्रभावित नहीं होगा।

अभी के लिए, यह देखा जाना बाकी है कि आगामी MPC बैठक में क्या निर्णय लिया जाएगा। यदि ब्याज दरों में कटौती होती है, तो यह लोन की ईएमआई में कमी ला सकती है और आम लोगों को राहत प्रदान कर सकती है।