Pakistan Economy / 'बिना मदद के ऐसे PAK अपने आर्थिक संकट को खत्म कर सकता है'- PAK सांसद का बड़ा दावा

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सांसद ने दावा किया है कि अगर देश अपने प्राकृतिक संसाधनों का ठीक है इस्तेमाल करने लगे तो उसे आईएमएफ की मदद की जरुरत नहीं रह जाएगी. उन्होंने कहा, 'अगर हम सही मायने में अपनी खनिज संपदा, प्राकृतिक गैस और अपतटीय नीली अर्थव्यवस्था का दोहन और उपयोग करते हैं, जो संचयी रूप से लगभग एक ट्रिलियन डॉलर मूल्य की है, तो पाकिस्तान आईएमएफ हैंडआउट्स को अलविदा कह सकता है

Vikrant Shekhawat : Feb 08, 2023, 09:18 AM
Pakistan Economy: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सांसद ने दावा किया है कि अगर देश अपने प्राकृतिक संसाधनों का ठीक है इस्तेमाल करने लगे तो उसे आईएमएफ की मदद की जरुरत नहीं रह जाएगी. उन्होंने कहा, 'अगर हम सही मायने में अपनी खनिज संपदा, प्राकृतिक गैस और अपतटीय नीली अर्थव्यवस्था का दोहन और उपयोग करते हैं, जो संचयी रूप से लगभग एक ट्रिलियन डॉलर मूल्य की है, तो पाकिस्तान आईएमएफ हैंडआउट्स को अलविदा कह सकता है, जो हमें 23 बार प्राप्त हुआ है, बिना कोई बदलाव किए. गुणवत्ता परिवर्तन'. उन्होंने राष्ट्रीय संप्रभुता और लोगों की गरिमा को कमजोर करने वाली नीतियों के बजाय राष्ट्रीय आर्थिक प्राथमिकताओं को बदलने की आवश्यकता का आग्रह किया.

पोर्ट कासिम और थार में CPEC परियोजनाओं के श्रमिकों से बात करते हुए, सीनेटर मुशहिद हुसैन सैयद ने CPEC को पिछले 30 वर्षों में आर्थिक विकास के लिए सबसे परिवर्तनकारी पहल बताया, क्योंकि इसने पाकिस्तान के लोगों को ऊर्जा सुरक्षा, रोजगार और बदलते जीवन और आजीविका के लिए एक आधार प्रदान किया.'

'पाकिस्तान के पास हैं विशाल प्राकृतिक संसाधन’

बिजनेस रिकॉर्डर के मुताबिक सीनेटर ने कहा कि 'पाकिस्तान के विशाल प्राकृतिक संसाधन, जिनमें खनिज संपदा, प्राकृतिक गैस और समुद्री संपदा शामिल हैं, जिनका ब्लू इकोनॉमी के लिए दोहन करने की जरूरत है. अकेले थार में ही 175 अरब टन कोयला भंडार है, जो ईरान और सऊदी अरब के कुल तेल भंडार से भी अधिक है. CPEC की बदौलत यह 'काला सोना' अब राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है. खैबर पख्तूनख्वा में प्राकृतिक गैस भारी भंडार है.‘

CPEC परियोजनाओं का सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने किया दौरा

बिजनेस रिकॉर्डर के मुताबिक सिंध में CPEC परियोजनाओं का सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने दौरा किया. सांसदों ने थार को 'पाकिस्तान की भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा का गढ़' करार दिया. प्रतिनिधिमंडल का आयोजन पाकिस्तान-चाइना इंस्टीट्यूट (पीसीआई) द्वारा थार में पोर्ट कासिम और शंघाई इलेक्ट्रिक एंड सिंध इलेक्ट्रिक कोल माइनिंग कंपनी (एसईसीएमसी) में पावर चाइना के सहयोग से किया गया था.

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सीनेट रक्षा समिति और पीसीआई के अध्यक्ष सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने किया. 3 दिवसीय यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले पोर्ट कासिम में पावर चाइना परियोजना का दौरा किया, जो 1320 मेगावाट बिजली पैदा करती है. पावर चाइना के सीईओ गुओ ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उन्हें परियोजना के बारे में जानकारी दी.

पोर्ट कासिम पावर प्लांट, सीपीईसी की अर्ली हार्वेस्ट परियोजना, स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से 4 मिलियन से अधिक घरों को बिजली प्रदान करती है, और यह सुपरक्रिटिकल तकनीक का उपयोग करके पर्यावरण के अनुकूल सफेद धुएं का उत्सर्जन करती है. इस परियोजना ने नौकरियां पैदा की हैं, पाकिस्तान को करों और शुल्कों में 600 मिलियन डॉलर से अधिक का राजस्व प्रदान किया है, और पाकिस्तान की पुरानी ऊर्जा कमी को हल करने में योगदान दिया है.       

सिंध सीपीईसी परियोजना के दौरे के दूसरे दिन, प्रतिनिधिमंडल ने थार के लिए उड़ान भरी, जहां इसने पहली बार सिंध इलेक्ट्रिक कोल माइनिंग कंपनी (एसईसीएमसी) का दौरा किया, जो सिंध सरकार और चीन के समर्थन के साथ एक संयुक्त निजी-सार्वजनिक साझेदारी है. प्रतिनिधिमंडल ने शंघाई इलेक्ट्रिक से निवेश के साथ स्थापित नव स्थापित 1320 मेगावाट बिजली संयंत्र का भी दौरा किया.

चीन का कुल निवेश 26 अरब डॉलर रहा है, जिससे 85,000 नौकरियां सृजित हुई हैं. थार में 12,000  लोगों को नौकरी मिली है. साथ ही 28,000 पाकिस्तानी छात्र अब चीन में पढ़ते हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश का एक बड़ा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हुआ है.

राष्ट्रीय ग्रिड में 5000 मेगावाट से अधिक बिजली जोड़ी गई है और करीब 700 किलोमीटर सड़क के बुनियादी ढांचे ने पाकिस्तान संघ को एक साथ जोड़ा है जिससे आसान और तेज यात्रा की सुविधा मिल गई है.