South America / अंतिम संस्कार पर ज़िंदा हो गई महिला, जानिए क्या हुआ था उसके साथ

आपने कई बार ऐसी खबरें सुनी होंगी कि इंसान को जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था, तभी वह जीवित हो उठा। करीब एक महीने पहले, पेरू से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जब एक महिला अपने अंतिम संस्कार पर जिंदा हो गई। 36 साल की रोसा इसाबेल सेस्पेडेस कैलाका (Rosa Isabel Céspedes Callaca) एक भयानक कार एक्सिडेंट का शिकार हुईं। 25 अप्रैल को अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था

Vikrant Shekhawat : Jun 08, 2022, 07:55 AM
South America: आपने कई बार ऐसी खबरें सुनी होंगी कि इंसान को जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था, तभी वह जीवित हो उठा। करीब एक महीने पहले, पेरू से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जब एक महिला अपने अंतिम संस्कार पर जिंदा हो गई। 36 साल की रोसा इसाबेल सेस्पेडेस कैलाका (Rosa Isabel Céspedes Callaca) एक भयानक कार एक्सिडेंट का शिकार हुईं। 25 अप्रैल को अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। बताया गया कि दुर्घटना के दौरान वह सिर के बल ज़मीन पर गिरीं और उनके दिमाग में गंभीर चोट लगी थी।

जानकारी के मुताबिक, 26 अप्रैल को उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां हो रही थीं। उन्हें एक खुले ताबूत में कब्रिस्तान ले जाया गया। तभी उनके परिवार में से किसी ने देखा कि महिला ने अपनी आंखें खोलीं हैं। उसे पसीना आ रहा था। कब्रिस्तान के प्रबंधक ने तुरंत पुलिस को फोन किया। 

रोसा इसाबेल को कॉफिन में ही तुरंत अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने कहा कि रोसा इसाबेला में जीवन के लक्षण दिख रहे थे। महिला के परिजन इस बात की जांच की मांग कर रहे थे कि ऐसा कैसे हो सकता है। उनका कहना था कि रोसा कोमा में रही होंगी। 

हालांकि ऐसा होने की बहुत सी वजहें हो सकती हैं। मौत के बाद पलकों में भी कई बार मूवमेंट दिखाई देता है। मृत शरीर में भी बहुत से बदलाव हो सकते हैं जिनकी आप उम्मीद भी नहीं करते। ऐसा खासकर दर्दनाक मौतों के बाद होता है। 

यह भी ज़रूरी नहीं है कि मृत्यु के दौरान दिल लंबे समय के लिए धड़कना बंद कर दे। असल में मौत के बाद कई जैविक प्रक्रियाओं का जारी रहना असामान्य है। इंसान का शरीर हर रोज पहले से ज्यादा सीख रहा है। इसलिए 'मृत' एक रिलेटिव टर्म है और ये सच है कि हम इसे पूरी तरह नहीं समझते।

रोसा के साथ जो कुछ भी हुआ यह तब होता है, जब दिमाग मर जाता है (Brain dead), लेकिन बाकी अंग काम करते रहते हैं। 1998 में एक शोध किया गया था जिसमें करीब 175 मामले पाए गए, जहां ब्रेन डेड होने के बाद, एक सप्ताह से ज्यादा समय तक शरीर काम करता रहता है। 

इस घटना की वजह जो कुछ भी रही हो, लेकिन इस कहानी का अंत सुखद नहीं थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोसा को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनके ब्लड ऑक्सीजन लेवल को मॉनिटर किया जा रहा था, लेकिन कुछ ही घंटों के अंदर उसे दूसरी बार मृत घोषित कर दिया गया और ये आखिरी बार था।