Vikrant Shekhawat : Jul 03, 2021, 06:25 AM
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रसेयस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा है कि लगभग 100 देशों में अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप की पहचान की गई है और इसे देखते हुए दुनिया कोविड-19 महामारी के ‘बहुत खतरनाक दौर’ में है। उन्होंने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डेल्टा स्वरूप विकसित और परिवर्तित हो रहा है और यह कई देशों में कोविड-19 का प्रमुख वायरस बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही दुनियाभर के नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि अगले साल इस समय तक, हर देश में 70 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण कर लिया जाए।’
उन्होंने कहा कि टीके की तीन अरब खुराक पहले ही वितरित की जा चुकी हैं और ‘यह कुछ देशों की सामूहिक शक्ति के भीतर है कि वे कदम बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि टीके साझा किए जाते रहे।’ विश्व स्तर पर दी जाने वाली टीके की खुराक में से दो प्रतिशत से भी कम गरीब देशों में हैं। हालांकि ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और कनाडा सहित अमीर देशों ने कोविड-19 के एक अरब टीके दान करने का संकल्प लिया है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि दुनिया को टीकाकरण के लिए 11 अरब (1100 करोड़) खुराकों की आवश्यकता है।बता दें कि यूरोपीय यूनियन की मेडिकल एजेंसी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि यूरोप में कोरोना के 90 फीसदी नए मामले डेल्टा वैरिएंट से संबंधित हो सकते हैं। यूरोपीयन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने कहा था-बहुत संभव है कि इन गर्मियों में डेल्टा वैरिएंट का बुरी तरह प्रसार हो। विशेष तौर पर युवाओं में जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं मिली है। एजेंसी ने कहा-नया डेल्टा वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है। हमारा अनुमान है कि अगस्त महीने के आखिरी तक यूरोप में 90 फीसदी मामले इसी वैरिएंट से संबंधित होंगे। एजेंसी का अनुमान है कि डेल्टा वैरिएंट अपने पूर्ववर्ती अल्फा वैरिएंट से 40-60 गुना अधिक संक्रामक हो सकता है।
उन्होंने कहा कि टीके की तीन अरब खुराक पहले ही वितरित की जा चुकी हैं और ‘यह कुछ देशों की सामूहिक शक्ति के भीतर है कि वे कदम बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि टीके साझा किए जाते रहे।’ विश्व स्तर पर दी जाने वाली टीके की खुराक में से दो प्रतिशत से भी कम गरीब देशों में हैं। हालांकि ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और कनाडा सहित अमीर देशों ने कोविड-19 के एक अरब टीके दान करने का संकल्प लिया है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि दुनिया को टीकाकरण के लिए 11 अरब (1100 करोड़) खुराकों की आवश्यकता है।बता दें कि यूरोपीय यूनियन की मेडिकल एजेंसी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि यूरोप में कोरोना के 90 फीसदी नए मामले डेल्टा वैरिएंट से संबंधित हो सकते हैं। यूरोपीयन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने कहा था-बहुत संभव है कि इन गर्मियों में डेल्टा वैरिएंट का बुरी तरह प्रसार हो। विशेष तौर पर युवाओं में जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं मिली है। एजेंसी ने कहा-नया डेल्टा वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है। हमारा अनुमान है कि अगस्त महीने के आखिरी तक यूरोप में 90 फीसदी मामले इसी वैरिएंट से संबंधित होंगे। एजेंसी का अनुमान है कि डेल्टा वैरिएंट अपने पूर्ववर्ती अल्फा वैरिएंट से 40-60 गुना अधिक संक्रामक हो सकता है।