World News / वर्ल्ड वॉर-3 की आहट, फ्रांस का ये कदम पुतिन को उकसाने वाला है

पुतिन की चेतावनी के बीच फ्रांस के सैनिक यूक्रेन जाने के लिए तैयार हैं, खुद फ्रांसीसी सेना के प्रमुख चीफ ऑफ स्टाफ जनरल पियरे शिल ने इसकी पुष्टि की है. पियरे का दावा है कि फ्रांस अपने हितों की रक्षा के लिए सबसे कठिन काम के लिए तैयार है. रूस की खुफिया एजेंसी भी कह चुकी है कि फ्रांस 2 हजार सैनिक यूक्रेन में भेजने वाला है. ऐसे में फ्रांस के सैनिकों का अचानक यूक्रेन जाना दुनिया के कई देश पचा नहीं पा रहे, खास तौर से वे जो

Vikrant Shekhawat : Mar 20, 2024, 10:00 PM
World News: पुतिन की चेतावनी के बीच फ्रांस के सैनिक यूक्रेन जाने के लिए तैयार हैं, खुद फ्रांसीसी सेना के प्रमुख चीफ ऑफ स्टाफ जनरल पियरे शिल ने इसकी पुष्टि की है. पियरे का दावा है कि फ्रांस अपने हितों की रक्षा के लिए सबसे कठिन काम के लिए तैयार है. रूस की खुफिया एजेंसी भी कह चुकी है कि फ्रांस 2 हजार सैनिक यूक्रेन में भेजने वाला है. ऐसे में फ्रांस के सैनिकों का अचानक यूक्रेन जाना दुनिया के कई देश पचा नहीं पा रहे, खास तौर से वे जो सीधे तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित हो रहे हैं. कुछ देश इसे वर्ल्ड वॉर-3 की आहट मान रहे हैं तो कुछ परमाणु युद्ध की संभावना से भी इनकार नहीं कर रहे.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने पिछले दिनों अपने सालाना संबोधन में ही ये साफ कर दिया था कि अगर पश्चिम ने रूस की संप्रभुता को चुनौती दी तो परिणाम घातक होंगे. इसी संबोधन में पुतिन ने ये भी कहा था कि अगर नाटो ने यूक्रेन में सेना भेजी तो न्यूक्लियर वॉर का खतरा बढ़ जाएगा. पुतिन यहीं नहीं रुके थे, उन्होंने कहा था कि इससे पहले भी जिन्होंने हमारे देश में सेना भेजी है, उनका हश्र बुरा हुआ है. अगर किसी ने भी ऐसा करने की हिमाकत की तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

फ्रांस के राष्ट्रपति ने क्या कहा?

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने यूक्रेन में सेना भेजने की संभावनाओं से कभी इनकार नहीं किया. वह लगातार ये कहते रहे कि यूक्रेन की मदद को कम किया गया तो लगेगा कि हम रूस की चेतावनियों से डर गए, दो दिन पहले एक फ्रांसीसी अखबार ला पेरिसियन से बातचीत में फ्रांस के राष्ट्रपति ने एक बार फिर कहा कि यूक्रेन से रूस के सैनिकों को खदेड़ने के लिए एक बड़े ग्राउंड ऑपरेशन की जरूरत है चाहे वह जैसा भी हो. उन्होंने यह भी कहा था कि फ्रांस में इतनी ताकत है कि वह ऐसा कर सकता था. इसके बाद उन्होंने जर्मनी और पोलेंड के नेताओं से मुलाकात की थी. इसमें भी उन्होंने कहा था कि ये तिकड़ी रूस को भी जीतने नहीं देगी, क्योंकि हम यूक्रेन के साथ खड़े हैं.

दुनिया मानती है ये वर्ल्ड-वॉर-3 की शुरुआत

पुतिन दुनिया के एक मात्र ऐसे नेता नहीं है जो फ्रांस की इस हरकत को वर्ल्डवॉर-3 की शुरुआत वाला कदम बता रहे हैं, असल में दुनिया के अनेक नेताओं का यही मानना है. उनके दुश्मन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी कुछ ऐसा ही मानते हैं. हालांकि उनका तर्क दूसरा है, जेलेंस्की का कहना है कि यदि यूक्रेन रूस को हराने में असफल रहा तो तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा.

ट्रंप ने कही थी बड़ी बात

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तो खुलेआम फंड रेजिंग के लिए भेजे गए ईमेल में बाइडेन को सबसे कमजोर राष्ट्रपति बताया और कहा है कि बाइडेन ने अमेरिका को तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर धकेल दिया है. ट्रंप न तो यहां तक दावा किया कि दुनिया में वह अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो तीसरा विश्व युद्ध रोक देंगे. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की दावेदारी से खुद को बाहर करने वाले रिपब्लिकन के नेता विवेक रामास्वामी ने भी तीसरे विश्व युद्ध की आशंका व्यक्त कर मियामी में तीसरे विश्व युद्ध को रोकें रैली की थी.

US राष्ट्रपति, मस्क से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक कह चुके हैं तीसरा विश्व युद्ध होगा

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद तीसरे विश्व युद्ध की संभावना जता चुके हैं और इससे बचने की कोशिश करने की बात भी कह रहे हैं. नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग भी यह कह चुके हैं कि अगर चीजें गलत हुईं तो युद्ध भयानक रूप से गलत हो सकता है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी चेतावनी दी है कि इजरायल-हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण अमेरिका और पूरी मानव सभ्यता खतरे में है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस भी हाल ही में कह चुके हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष एक वैश्विक युद्ध को जन्म दे सकता है.

इटली और स्पेन ने कहा ये वर्ल्ड वॉर-3 की शुरुआत जैसा होगा

फ्रांस की ओर से यूक्रेन में सेजना भेजने को इटली ने तीसरा वर्ल्ड-वॉर छेड़ने वाला बताया है. इटली के विदेश मंत्री एटोनिया तजानी ने एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे नाटो को अपनी सेना नहीं भेजनी चाहिए, यदि ऐसा हुआ तो तो वह भारी गलती होगी. अगर यूक्रेन की मदद करनी है तो सिर्फ इतनी मदद करनी चाहिए, जिससे यूक्रेन अपनी रक्षा कर सके. स्पेन ने भी एक दिन पहले ही इस कदम को तीसरे विश्व युद्ध से महज एक कदम दूर है. स्पेनिश मीडिया एल पेस के मुताबिक मॉस्को लगातार रूस के खिलाफ किए जा रहे यूक्रेन के संघर्ष को अमेरिका के नेतृत्व वाले छद्म युद्ध मान रहा है. ऐसे में नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव तीसरे विश्व युद्ध की तरफ अगला कदम होगा.