Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे लगभग तीन साल पुराने युद्ध के समाप्त होने की उम्मीदें एक बार फिर प्रबल होती नजर आ रही हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में संकेत दिए कि उनकी सरकार रूस के साथ संभावित शांति वार्ता में अपने क्षेत्र की अदला-बदली करने के लिए तैयार हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अकेले यूरोप इस युद्ध का भार नहीं उठा सकता और अमेरिका को इसमें शामिल होना आवश्यक है।
अमेरिका की भूमिका और म्यूनिख बैठक
ज़ेलेंस्की के प्रवक्ता ने एएफपी को जानकारी दी कि यूक्रेनी राष्ट्रपति शुक्रवार को म्यूनिख सिक्योरिटी समिट में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात करेंगे। यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब ट्रंप प्रशासन रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए लगातार दबाव बना रहा है। वेंस पूर्व में यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य सहायता देने की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन ज़ेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि अमेरिका की भागीदारी के बिना सुरक्षा गारंटी अधूरी होगी।
संभावित समझौते के रूपरेखा
ज़ेलेंस्की ने गार्जियन को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उन क्षेत्रों को देने की पेशकश करेंगे, जिन्हें यूक्रेन ने छह महीने पहले रूस के कुर्स्क क्षेत्र में कब्जे में लिया था। उनका कहना है कि दोनों पक्षों के बीच क्षेत्रीय अदला-बदली शांति वार्ता का आधार बन सकती है। हालाँकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि रूस इस प्रस्ताव के बदले में कौन से क्षेत्र सौंपने को तैयार होगा।
रूस ने 2014 में क्रीमिया और 2022 में डोनेट्स्क, खेरसॉन, लुगांस्क और ज़ापोरिज्जिया पर कब्ज़ा किया था, लेकिन अभी भी इन सभी क्षेत्रों पर उसका पूर्ण नियंत्रण नहीं है। संभावित शांति समझौते में कुर्स्क के बदले इनमें से कुछ क्षेत्र यूक्रेन को वापस मिल सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप की उत्सुकता
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध को समाप्त करने को लेकर उत्सुक नजर आ रहे हैं। वह दोनों देशों के बीच किसी समझौते को लेकर सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं। उन्होंने अपने विशेष दूत कीथ केलॉग को जल्द ही यूक्रेन भेजने की घोषणा की है।
हालांकि, कीव को आशंका है कि किसी भी समझौते में यदि नाटो सदस्यता या मजबूत सुरक्षा गारंटी जैसी शर्तें शामिल नहीं होतीं, तो रूस को खुद को पुनर्गठित करने और भविष्य में एक और हमला करने का अवसर मिल सकता है। यही कारण है कि ज़ेलेंस्की किसी भी संधि के हिस्से के रूप में वाशिंगटन से कड़े सुरक्षा आश्वासन की मांग कर रहे हैं।
क्या शांति वार्ता संभव है?
रूस और यूक्रेन के बीच संभावित वार्ता को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। युद्ध के दौरान दोनों देशों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, और वैश्विक भू-राजनीतिक संतुलन में भी इस संघर्ष का व्यापक प्रभाव पड़ा है। अगर यह शांति वार्ता सफल होती है, तो यह न केवल यूक्रेन और रूस बल्कि समूचे यूरोप और विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।