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- 01-Mar-2025 09:04 AM IST
Zelenskyy-Trump News: रूस के साथ युद्ध में संघर्षरत यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का एक नया और आक्रामक रूप दुनिया के सामने आया जब उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक तीखी बहस की। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब नौ मिनट तक गर्मागर्म बहस चली। अंततः, ट्रंप ने बहस रोकते हुए जेलेंस्की को व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए कहा।
दुनिया के सबसे प्रभावशाली देशों में से एक के पूर्व राष्ट्रपति के सामने इस तरह खुला विरोध जाहिर करना वैश्विक राजनीति में बड़ी चर्चा का विषय बन गया है। यह सवाल उठता है कि आखिर जेलेंस्की को इतनी हिम्मत कहां से मिली? क्या वह किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय समर्थन पर भरोसा कर रहे हैं?जेलेंस्की की राजनीतिक यात्रा और उनका आत्मविश्वासवोलोदिमीर जेलेंस्की एक समय पर एक कॉमेडियन थे, जिन्होंने अपने टीवी शो के जरिए राजनीति में प्रवेश किया। यूक्रेन में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के चलते उन्हें भारी जनसमर्थन मिला और वे राष्ट्रपति बन गए।राष्ट्रपति बनने के बाद, जेलेंस्की ने यूक्रेन को नाटो सदस्यता दिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। हालांकि, रूस ने इसे एक सीधी चुनौती के रूप में देखा और फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला बोल दिया। इसके बाद से अब तक युद्ध जारी है, और यूक्रेन कई महत्वपूर्ण इलाकों पर रूस के कब्जे को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है।अमेरिका से समर्थन की घटती उम्मीदेंअमेरिका शुरू से ही यूक्रेन का प्रमुख सहयोगी रहा है, लेकिन हाल ही में कुछ राजनीतिक बदलावों ने इस समर्थन को कमजोर किया है। अमेरिका द्वारा अपने रुख में बदलाव करने के संकेत मिलने से जेलेंस्की पहले ही चिंतित थे।ट्रंप से मुलाकात के दौरान जेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर अमेरिका अपना समर्थन वापस लेता है, तो रूस से यूक्रेन की रक्षा करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ इस तीखी बहस को टेलीविजन पर दिखाए जाने का अफसोस है, लेकिन वे अपनी बात से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।ट्रंप की सख्त प्रतिक्रियाडोनाल्ड ट्रंप ने जेलेंस्की पर हमला बोलते हुए कहा कि यूक्रेन के युद्ध के कारण लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है। ट्रंप ने जेलेंस्की को फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि उनकी नीतियां दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल सकती हैं।व्हाइट हाउस में इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया, और अंततः जेलेंस्की ने बिना किसी समझौते पर हस्ताक्षर किए वहां से निकलने का फैसला किया।यूरोपीय देश बने यूक्रेन के सहारेजहां अमेरिका यूक्रेन के समर्थन से पीछे हटता दिख रहा है, वहीं यूरोपीय देश मजबूती से उसके साथ खड़े हैं। ब्रिटेन और फ्रांस ने खुले तौर पर अपना समर्थन व्यक्त किया है। ब्रिटेन ने तो अपने सैनिक भेजने की भी बात कही है, जबकि फ्रांस का मानना है कि रूस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, जर्मनी और पोलैंड ने भी यूक्रेन के समर्थन में अपने संकल्प दोहराए हैं।युद्ध में रूस की स्थितियुद्ध के दौरान यूक्रेन ने रूस को भारी नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 8.47 लाख रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं। 370 प्लेन और 331 हेलिकॉप्टर नष्ट हो चुके हैं। इसके अलावा, 10 हजार से ज्यादा टैंक और 23 हजार से अधिक आर्टिलरी सिस्टम भी तबाह हो चुके हैं।रूस अब उत्तर कोरिया से हथियारों की आपूर्ति लेने को मजबूर हो गया है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि युद्ध रूस के लिए भी थकावट भरा साबित हो रहा है।निष्कर्षयूक्रेन और रूस के बीच जारी इस संघर्ष का प्रभाव वैश्विक स्तर पर देखने को मिल रहा है। अमेरिका का समर्थन घटने से जेलेंस्की की रणनीतियों पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन यूरोपीय सहयोग और रूस की कमजोरी यूक्रेन के लिए आशा की किरण साबित हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस युद्ध और वैश्विक राजनीति की दिशा क्या मोड़ लेती है।