News18 : Aug 04, 2020, 03:42 PM
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने चेतावनी जारी कर कहा है कि कोविड-19 (Covid-19) और दुनिया भर में लॉकडाउन के चलते बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है जिसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (UN chief Antonio Guterres) ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते 1.6 अरब स्टूडेंट्स की पढ़ाई या तो रुक गयी है या फिर बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम ये होगा कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवेश के 2.38 करोड़ बच्चे अगले साल स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ सकते हैं।
गुतारेस ने दुनिया में शिक्षा के हालातों में आए बदलाव से संबंधित एक दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी ने इतिहास में शिक्षा के क्षेत्र में अब तक का सबसे लंबा अवरोध पैदा किया है। इस दस्तावेज को जारी करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, 'शिक्षा व्यक्तिगत विकास और समाज के भविष्य की कुंजी है। यह अवसर खोलती है और असमानता को दूर करती है। यह ज्ञानवान, सहिष्णु समाज का मेरुदंड तथा सतत विकास का प्राथमिक संचालक होती है। कोविड-19 महामारी ने अब तक के इतिहास में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे लंबा अवरोध पैदा किया है।' उन्होंने कहा कि जुलाई के मध्य में 160 से अधिक देशों में स्कूल बंद कर दिये गये जिससे एक अरब से अधिक छात्र प्रभावित हुए और दुनियाभर में कम से कम चार करोड़ बच्चे अपने स्कूल के शुरुआती महत्वपूर्ण समय में शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके।कई सालों की मेहनत होगी ख़राब: UNगुतारेस के अनुसार अनुसार महामारी ने शिक्षा में असमानता को बढ़ाया है और लंबे समय तक स्कूलों के बंद रहने से पढ़ाई को हुए नुकसान से पिछले कुछ दशकों में हुई प्रगति के बेकार होने का खतरा है। दस्तावेज के अनुसार, 'इनके अतिरिक्त करीब 2।38 करोड़ बच्चे और युवा (प्रारंभिक से उच्च माध्यमिक तक) केवल महामारी के आर्थिक असर की वजह से अगले साल पढ़ाई छोड़ सकते हैं या उससे वंचित रह सकते हैं।'
गुतारेस ने कहा कि दुनिया के सामने असमानता का अस्थायी स्तर है और ऐसे में हमें शिक्षा की हमेशा से अधिक जरूरत है जो समानता प्रदान करती है। उन्होंने कहा, 'हमें भविष्य के लिहाज से समावेशी, लचीली और गुणवत्तापरक शिक्षा प्रणाली के लिए साहसिक कदम उठाने होंगे।' उन्होंने कहा, 'शारीरिक रूप से अक्षम, अल्पसंख्यक, वंचित तबकों, विस्थापित और शरणार्थी छात्रों तथा दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों के पिछड़ने का जोखिम बहुत अधिक है।' UN प्रमुख ने कहा कि दुनिया शिक्षण संकट से पहले ही जूझ रही है। महामारी से पहले भी 25 करोड़ से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे।
चीन और हांगकांग में संक्रमण के नए मामले
हालांकि संक्रमण से किसी भी व्यक्ति के मरने की खबर नहीं है। चीन में इस खतरनाक वायरस से अब तक 4,634 लोगों की जान गई है और 84,634 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं हांगकांग में पिछले 24 घंटे में 78 नए मामले सामने आए हैं। करीब दो सप्ताह में ऐसा हुआ है जब दहाई संख्या में मामले सामने आए हैं। यहां सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने, रेस्त्रां के भीतर बैठकर खाना खाने पर रोक लगाने के साथ ही जांच बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए हैं।
गुतारेस ने दुनिया में शिक्षा के हालातों में आए बदलाव से संबंधित एक दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी ने इतिहास में शिक्षा के क्षेत्र में अब तक का सबसे लंबा अवरोध पैदा किया है। इस दस्तावेज को जारी करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, 'शिक्षा व्यक्तिगत विकास और समाज के भविष्य की कुंजी है। यह अवसर खोलती है और असमानता को दूर करती है। यह ज्ञानवान, सहिष्णु समाज का मेरुदंड तथा सतत विकास का प्राथमिक संचालक होती है। कोविड-19 महामारी ने अब तक के इतिहास में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे लंबा अवरोध पैदा किया है।' उन्होंने कहा कि जुलाई के मध्य में 160 से अधिक देशों में स्कूल बंद कर दिये गये जिससे एक अरब से अधिक छात्र प्रभावित हुए और दुनियाभर में कम से कम चार करोड़ बच्चे अपने स्कूल के शुरुआती महत्वपूर्ण समय में शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके।कई सालों की मेहनत होगी ख़राब: UNगुतारेस के अनुसार अनुसार महामारी ने शिक्षा में असमानता को बढ़ाया है और लंबे समय तक स्कूलों के बंद रहने से पढ़ाई को हुए नुकसान से पिछले कुछ दशकों में हुई प्रगति के बेकार होने का खतरा है। दस्तावेज के अनुसार, 'इनके अतिरिक्त करीब 2।38 करोड़ बच्चे और युवा (प्रारंभिक से उच्च माध्यमिक तक) केवल महामारी के आर्थिक असर की वजह से अगले साल पढ़ाई छोड़ सकते हैं या उससे वंचित रह सकते हैं।'
गुतारेस ने कहा कि दुनिया के सामने असमानता का अस्थायी स्तर है और ऐसे में हमें शिक्षा की हमेशा से अधिक जरूरत है जो समानता प्रदान करती है। उन्होंने कहा, 'हमें भविष्य के लिहाज से समावेशी, लचीली और गुणवत्तापरक शिक्षा प्रणाली के लिए साहसिक कदम उठाने होंगे।' उन्होंने कहा, 'शारीरिक रूप से अक्षम, अल्पसंख्यक, वंचित तबकों, विस्थापित और शरणार्थी छात्रों तथा दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों के पिछड़ने का जोखिम बहुत अधिक है।' UN प्रमुख ने कहा कि दुनिया शिक्षण संकट से पहले ही जूझ रही है। महामारी से पहले भी 25 करोड़ से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे।
चीन और हांगकांग में संक्रमण के नए मामले
उधर चीन और हांगकांग में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कुछ नए मामले सामने आए हैं और इसके साथ ही वायरस पर नियंत्रण के लिए नये एवं प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। चीन में संक्रमण के 36 नए मामले सामने आए हैं जबकि इससे एक दिन पहले यहां 43 मामले सामने आए थे। नए मामलों में से शिनजियांग के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में 28 और लियोनिंग प्रांत में दो मामले सामने आए हैं। वहीं छह मामले विदेश से आने वाले चीन के नागरिकों से जुड़े हैं।Last month, over 1 billion students were affected by #COVID19 school closures.
— António Guterres (@antonioguterres) August 4, 2020
Even before the pandemic, the world was facing a learning crisis.
We must take bold steps now, to create inclusive, resilient, quality education systems fit for the future. https://t.co/fD4nwEkqUg pic.twitter.com/71ksZO2DHP
हालांकि संक्रमण से किसी भी व्यक्ति के मरने की खबर नहीं है। चीन में इस खतरनाक वायरस से अब तक 4,634 लोगों की जान गई है और 84,634 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं हांगकांग में पिछले 24 घंटे में 78 नए मामले सामने आए हैं। करीब दो सप्ताह में ऐसा हुआ है जब दहाई संख्या में मामले सामने आए हैं। यहां सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने, रेस्त्रां के भीतर बैठकर खाना खाने पर रोक लगाने के साथ ही जांच बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए हैं।