Vikrant Shekhawat : Feb 01, 2023, 06:13 PM
Taiwan vs China: रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद इजरायल-ईरान युद्ध भी शुरू हो चुका है और अब ताइवान-चीन युद्ध की आशंकाएं भी बढ़ गई हैं। अभी दो दिन पहले ही जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने चीन द्वारा ताइवान पर हमले की आशंका जताई थी। किशिदा का यह अंदेशा 48 घंटे के अंदर ही सच होता दिख रहा है। मंगलवार को चीन के 20 लड़ाकू विमान अचानक ताइवान की सीमा में घुस गए। इसके बाद हड़कंप मच गया। चीन ने इस दौरान अपने सबसे खतरनाक युद्धपोतों को भी ताइवान की सीमा पर तैनात कर दिया है।इससे दोनों देशों के बीच युद्ध की घंटी बजती दिख रही है। चीन के लड़ाकू विमानों को मार कर गिराने के लिए ताइवान ने अपना मिसाइल सिस्टम एक्टिवेट कर दिया है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव हाई लेवल पर पहुंच गया है। इस पूरे घटनाक्रम पर अमेरिका बारीकी से नजर रख रहा है। अमेरिकी सेना भी चीन को उसकी हरकतों का जवाब देने के लिए एक्टिव मोड में आ गई है।ताइवान की सीमा के आसपास चीन ने वैसे तो कुल 34 लड़ाकू विमानों को उतार रखा है। साथ ही 9 युद्धपोतों की तैनाती भी कर दी है। इससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खतरनाक मंसूबों को समझा जा सकता है। तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति बनते ही शी जिनपिंग ने कह दिया था कि वह ताइवान को चीन में मिलाने के लिए सैन्य बल का प्रयोग करने से भी नहीं चूकेंगे। अब शी जिनपिंग अपने वादे के मुताबिक उसी ट्रैक पर चल पड़े हैं। चीन के 34 सैन्य विमानों और 9 युद्धपोतों की तैनाती का जवाब देने के लिए ताइवान ने भी अपने लड़ाकू विमानों को आसमान में उतार दिया है। साथ ही नौसेना को भी अलर्ट कर दिया है।एक्टिव हुआ ताइवान का मिसाइल सिस्टमताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार चीन के 20 लड़ाकू विमान मंगलवार को ताइवान जलडमरूमध्य में सेंट्रल लाइन को पार गए। इसके बाद वह बफर जोन में प्रवेश कर गए। इसके बाद ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने चीन के लड़ाकू विमानों को मार गिराने के लिए अपना मिसाइल सिस्टम एक्टिवेट करवा दिया। आपको बता दें कि चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है, जबकि ताइवान के अधिकतर लोग चीन की सत्तारुढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण में आने का विरोध करते हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि ताइवानी सशस्त्र बलों ने चीन की हर हरकतों का जवाब देने के लिए उनकी गतिविधियों की निगरानी करना शुरू कर दिया है।लड़ाकू विमानों के साथ उतरे चीन के बमवर्षक और युद्धपोतचीन ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में लड़ाकू विमानों के साथ ही साथ कई बमवर्षक भी उतार दिए हैं। ताइवान की सीमा को चीनी नौसेना के युद्धपोतों ने घेर लिया है। इससे ताइवान पर चीनी कब्जे की आशंका प्रबल हो गई है। चीन की तैयारियां बता रही हैं कि वह अगले कुछ दिनों में जबरन ताइवान को कब्जे में लेने के लिए हमला कर सकता है। आपको बता दें अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी और यूरोपीय संघ के कई नेताओं के हाल के महीनों में ताइवान के दौरे के बीच दोनों पक्षों ने सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया था। इसके बाद से तनाव बढ़ता ही जा रहा है। अगस्त 2022 में चीन और ताइवान के बीच तनाव उस वक्त और भी बढ़ गया था, जब नैंनी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर गई थी और चीन ने इस पर आपत्ति जताते हुए ताइवान के आसपास युद्धाभ्यास किया था और मिसाइल भी दागी थी। अब चीन ने ताइवान से करीबी संबंध रखने वाले देशों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।