China-Taiwan News: चीन और ताइवान के बीच संबंधों में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस तनावपूर्ण माहौल में ताइवान के खुफिया ब्यूरो ने चीन की जासूसी गतिविधियों को लेकर एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। खुफिया ब्यूरो के अनुसार, चीन की मुख्य जासूसी एजेंसी ताइवान की सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारी हासिल करने के लिए आपराधिक गिरोहों, शेल (फर्जी) कंपनियों और अन्य संदिग्ध साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रही है। इस कारण द्वीप पर कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो की रिपोर्ट
ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि चीनी एजेंट ताइवान के ‘अंडरवर्ल्ड’ नेटवर्क का उपयोग कर उन लोगों को धन मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके पास बेचने के लिए कोई संवेदनशील जानकारी है। इन आपराधिक गिरोहों की जड़ें 1949 में चीन और ताइवान के बीच विभाजन के समय से ही मौजूद हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन की जासूसी एजेंसी ताइवान के सैन्य और सरकारी अधिकारियों को अपना मुख्य निशाना बना रही है। वर्तमान और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी विशेष रूप से खतरे में हैं। इन एजेंटों के माध्यम से चीन महत्वपूर्ण सैन्य योजनाओं और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहा है।
जासूसी के लिए अपनाए जा रहे हथकंडे
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि चीनी एजेंट जासूसी के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इनमें कर्ज देने वाली कंपनियों और फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल शामिल है। इसके अलावा धार्मिक संगठनों और गैर-लाभकारी समूहों की आड़ में भी यह गतिविधियां जारी हैं।चीनी एजेंट कई बार क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भुगतान करते हैं ताकि उनका पता लगाना मुश्किल हो सके। इसके अलावा, पुराने और पारंपरिक तरीकों का भी सहारा लिया जा रहा है। इनमें यौन प्रलोभन देकर फंसाना और व्यक्तिगत जानकारियां उजागर करने के लिए दबाव डालना शामिल है।
वन-स्टार जनरल का मामला
ताइवान के खुफिया ब्यूरो ने वन-स्टार जनरल लो सीन-चे का एक उदाहरण भी दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, लो सीन-चे को थाईलैंड में तैनात रहने के दौरान चीनी एजेंटों ने जाल में फंसाया था। उन पर यौन प्रलोभन और ब्लैकमेल का दबाव डाला गया, जिसके कारण उन्हें संवेदनशील जानकारियां साझा करने के लिए मजबूर किया गया। यह मामला ताइवान के लिए एक चेतावनी है कि चीन किस हद तक जाकर अपनी जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है।
ताइवान की सुरक्षा पर बढ़ता खतरा
चीन की इन गतिविधियों से ताइवान की सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। ताइवान के खुफिया विभाग ने चेतावनी दी है कि चीन की इन जासूसी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है।इसके साथ ही ताइवान ने अपने सैन्य और सरकारी अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। ताइवान सरकार ने चीन की इन चालों को नाकाम करने के लिए कई नई नीतियां लागू की हैं, ताकि जासूसी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
निष्कर्ष
चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव के चलते जासूसी गतिविधियां और भी बढ़ती जा रही हैं। चीन की मुख्य जासूसी एजेंसी ने आपराधिक गिरोहों और फर्जी कंपनियों के माध्यम से ताइवान से खुफिया जानकारी हासिल करने की कोशिश की है। ताइवान के लिए यह एक बड़ा सुरक्षा खतरा बनता जा रहा है। ताइवान को अपनी सुरक्षा और खुफिया तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है ताकि चीन की इन जासूसी गतिविधियों को समय रहते रोका जा सके।