पीएम मोदी का एलान / प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 50 फीसदी सीटों पर सरकारी के बराबर फीस लगेगी

सरकार ने मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत देने वाला फैसला किया है। अब प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 50 फीसदी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर ही फीस लगेगी। इस बात का एलान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने बताया - हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी।

Vikrant Shekhawat : Mar 07, 2022, 02:46 PM
सरकार ने मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत देने वाला फैसला किया है। अब प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 50 फीसदी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर ही फीस लगेगी। इस बात का एलान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने बताया - हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी। दरअसल, कई दिनों से देश में मेडिकल की शिक्षा में लगने वाली फीस को कम करने की मांग चल रही थी। कुछ ही दिनों पहले ऐसा अंदाजा भी लगाया गया था, कि फीस में कटौती का कदम जल्द ही उठाया जा सकता है। 

जन औषधि दिवस को संबोधित कर रहे थे पीएम

पीएम मोदी सोमवार को जनऔषधि दिवस पर अपना संबोधन कर रहे थे। उन्होंने इसी दौरान यह सूचना दी और कहा- कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा। हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी।

हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज

पीएम मोदी ने बताया कि भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को निरंतर मजबूत कर रही है। आजादी के इतने दशकों के बाद भी देश में केवल एक एम्स था, लेकिन आज देश में 22 एम्स है। सरकार का लक्ष्य देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज खोलने का है।

जन-औषधि केंद्र की तारीफ

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जन-औषधि केंद्र तन को औषधि देते हैं, मन की चिंता को कम करने वाली भी औषधि हैं और धन को बचाकर जन-जन को राहत देने वाले केंद्र भी हैं। दवा का पर्चा हाथ में आने के बाद लोगों के मन में जो आशंका होती थी कि, पता नहीं कितना पैसा दवा खरीदने में खर्च होगा, वो चिंता अब कम हो गई है। 

कुल 13,000 करोड़ रुपये की बचत

पीएम मोदी ने बताया कि आज देश में 8,500 से ज्यादा जन औषधि केंद्र खुले हैं। इसी साल जन औषधि केंद्र के जरिए गरीब को, मध्यम वर्ग को करीब 5,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इस वित्तीय वर्ष में जन औषधि केंद्रों के जरिए 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाएं बिकी हैं। अब तक करीब कुल 13,000 करोड़ रुपये की बचत लोगों को हुई है।