कोरोना वायरस / कोविड-19 फैलाने में एरोसोल की भूमिका अहम, 10 मीटर दूर तक जा सकते हैं: सरकारी सलाहकार

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने गुरुवार को बताया कि कोविड-19 संक्रमण फैलाने में एरोसोल व ड्रॉपलेट्स की भूमिका अहम है जिनका स्रोत संक्रमित मरीज़ और दूषित सतह होते हैं। इसमें कहा गया है कि संक्रमित मरीज़ के ड्रॉपलेट्स 2 मीटर दूर तक गिरते हैं जबकि एरोसोल हवा में 10 मीटर दूर तक जा सकते हैं।

Vikrant Shekhawat : May 20, 2021, 03:23 PM
Covid-19 Guidelines: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पिछले साल के मुकाबले अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेंन करते हुए जरूरी सावधानियां बरतने को कहा है. इसके मुताबिक SARS-CoV-2 का संक्रमण एरोसोल और ड्रॉपलेट्स के जरिए तेजी से फैल रहा है और छींकने से निकला एरोसोल हवा में 10 मीटर की दूरी तक जा सकता है. इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के 2 मीटर के दायरे में ड्रॉपलेट्स गिरती है.

‘स्टॉप द ट्रांसमिशन, क्रश द पैंडेंमिक’ (संक्रमण को रोको, महामारी को खत्म करो) के नाम से जारी गाइडलाइंस में पैनल में कहा है कि यह हमेशा याद रखना चाहिए कि जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वे भी वायरस को फैला सकते हैं.