News18 : Sep 02, 2020, 07:34 AM
Delhi: मंगल ग्रह (Mars) पर जीवन (Life) की अनुकूल परिस्थितियां बनाने को लेकर काफी शोध (Research) हो रहे हैं। नासा मंगल पर अगले दशक में इंसानों की यात्रा करवाने की तैयारी कर रहा है। इसी बीच इंटरनेट (Internet) पर एक नक्शा चर्चा में है जिसमें शुक्र ग्रह (Venus) पर पानी (Water) की स्थिति की बारे में बताया गया है, अगर वहां पर पृथ्वी की तरह पानी मौजूद हो। इस पोस्ट में नक्शा विकसित करने का तरीका भी बताया गया है जो नासा के आंकड़ों पर आधारित है।
पहली नहीं है इस तरह की पोस्टयह मैप दर्शाता है कि यदि शुक्र ग्रह पर पानी होगा तो वह कैसा दिखाई देगा। इनवर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ इसी तरह का नक्शा पिछले महीने की शुरुआत में इसी प्लेटफार्म पर मंगल के लिए आदित्य राज भट्टाराई ने शेयर किया था।
क्या है शुक्र ग्रह के बारे में पोस्टपिछले महीने एक ड्र्रैगनाइट-2 Dragonite-2 नाम के एक रेडिट यूजर ने शुक्र ग्रह का मैप मैपोर्न सबारेडिट नाम की पब्लिक पोस्ट पर शेयर किया था। इसके साथ ही इसमें कैप्शन दिया गया था, “शुक्र का नक्शा यह इसके पास पृथ्वी जितना पानी है तो।”
कैसे बनाया जा सकता है ये नक्शारेडिट की इस पोस्ट ने इंटरनेट पर चर्चा छेड़ दी है। एक यूजर का कहना है कि ग्रह में बदलाव करना कोई बहुत मश्किल काम नहीं होगा, लेकिन इसमें समय जरूर लग सकता है। इस प्रक्रिया को समझाते हुए उसने बताया कि इसकी डिजाइन इवेल्यूएशन मॉडल फाइल लें जो कि नासा से डाउनलोड की जा सकती है उसे ArcGIS or QGIS जैसी गणना वाली प्रक्रियाओं पर चलाएं जिससे नदियों का भूभाग पता चलेगा और उनके बहने का रास्ता भी। उसके बाद उसे आकार देने वाली फाइल में बदलना होगा। फिर केवल इसमें त्रुटियों में ही सुधार करना होगा नदियों के बहाव का पूरा नक्शा तैयार होगा।
नासा का प्रस्तावयह नासा के उन प्रस्तावों में से एक है जो मंगल ग्रह में बड़े बदलाव पर केंद्रित है। जब से नासा की मंगल पर इंसान भेजने की योजना पर काम चल रहा है, मंगल ग्रह को जीवन के लायक बनाने को लेकर कई तरह के शोधों से संभावनाएं तलाशी जा रही है। स्पेसएक्स के प्रमुख एलोन मस्क तो मंगल ग्रह पर बस्ती बसाने का इरादा रखते हैं। उनकी योजना में मंगल पर ऐसा शहर बनाना शामिल हैं जहां लोगों केवल सांस लेने के उपकरण के साथ ही घूमना होगा।
दो तरह के शोधपृथ्वी के बाहर जीवन के बारे में दो तरह से शोध हो रहे हैं। एक में तो वे इलाके ग्रह, उपग्रह या बाह्यग्रह खोजे पर केंद्रित हैं जहां पहले से ही जीवन हो और अब तक इंसान को उसके बारे में पता न हो। दूसरे तरह के शोधों में वे अध्ययन शामिल हैं जिनमें कुछ ग्रहों पर अभी तो जीवन न हो, लेकिन वहां जीवन पनपने का उसका समर्थन करने की स्थितियों का निर्माण हो सकता है मंगल और चंद्रमा को लेकर चल रहे बहुत से शोध इसी श्रेणी में आते हैं। कई वैज्ञानिक शुक्र ग्रह को भी इसी श्रेणी का मानते हैं।
नासा की गंभीरतानासा मंगल को लेकर दोनों तरह के शोधों के प्रति गंभीर है। अभी तक की खोजें साफ करती हैं कि फिलहाल मंगल ग्रह पर जीवन का कोई नामोनिशान नहीं है, लेकिन इस बात के बहुत मजबूत प्रमाण मिलते जा रहे हैं कि कभी मंगल पर जीवन होने के अनुकूल वातावरण रहा होगा। इसी ने दूसरे तरह के शोधों के प्रति उम्मीद जगाए रखी है।
क्या हैं मंगल और शुक्र के हालातफिलहाल मंगल के हालात की बात करें तो वहां कभी पानी रहा होगा यह तो माना जाता है, लेकिन फिलहाल वहां पानी नहीं हैं, और अगर होता भी तो वह बर्फ ही होता क्योंकि इस समय मंगल बहुत ठंडा ग्रह है, लेकिन वहां के वायुमंडल में ज्यादा गैसें नहीं हैं और न ही उसका कोई मैग्नेटिक फील्ड है और न ही वहां कोई ओजोन परत। इस लिहाज मंगल पर हालात बहुत कठिन हैं, वहीं शुक्र ग्रह जो एसिड के बादलों से छाया हुआ है वहां अधिकतम तापमान 465 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
पहली नहीं है इस तरह की पोस्टयह मैप दर्शाता है कि यदि शुक्र ग्रह पर पानी होगा तो वह कैसा दिखाई देगा। इनवर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ इसी तरह का नक्शा पिछले महीने की शुरुआत में इसी प्लेटफार्म पर मंगल के लिए आदित्य राज भट्टाराई ने शेयर किया था।
क्या है शुक्र ग्रह के बारे में पोस्टपिछले महीने एक ड्र्रैगनाइट-2 Dragonite-2 नाम के एक रेडिट यूजर ने शुक्र ग्रह का मैप मैपोर्न सबारेडिट नाम की पब्लिक पोस्ट पर शेयर किया था। इसके साथ ही इसमें कैप्शन दिया गया था, “शुक्र का नक्शा यह इसके पास पृथ्वी जितना पानी है तो।”
कैसे बनाया जा सकता है ये नक्शारेडिट की इस पोस्ट ने इंटरनेट पर चर्चा छेड़ दी है। एक यूजर का कहना है कि ग्रह में बदलाव करना कोई बहुत मश्किल काम नहीं होगा, लेकिन इसमें समय जरूर लग सकता है। इस प्रक्रिया को समझाते हुए उसने बताया कि इसकी डिजाइन इवेल्यूएशन मॉडल फाइल लें जो कि नासा से डाउनलोड की जा सकती है उसे ArcGIS or QGIS जैसी गणना वाली प्रक्रियाओं पर चलाएं जिससे नदियों का भूभाग पता चलेगा और उनके बहने का रास्ता भी। उसके बाद उसे आकार देने वाली फाइल में बदलना होगा। फिर केवल इसमें त्रुटियों में ही सुधार करना होगा नदियों के बहाव का पूरा नक्शा तैयार होगा।
नासा का प्रस्तावयह नासा के उन प्रस्तावों में से एक है जो मंगल ग्रह में बड़े बदलाव पर केंद्रित है। जब से नासा की मंगल पर इंसान भेजने की योजना पर काम चल रहा है, मंगल ग्रह को जीवन के लायक बनाने को लेकर कई तरह के शोधों से संभावनाएं तलाशी जा रही है। स्पेसएक्स के प्रमुख एलोन मस्क तो मंगल ग्रह पर बस्ती बसाने का इरादा रखते हैं। उनकी योजना में मंगल पर ऐसा शहर बनाना शामिल हैं जहां लोगों केवल सांस लेने के उपकरण के साथ ही घूमना होगा।
दो तरह के शोधपृथ्वी के बाहर जीवन के बारे में दो तरह से शोध हो रहे हैं। एक में तो वे इलाके ग्रह, उपग्रह या बाह्यग्रह खोजे पर केंद्रित हैं जहां पहले से ही जीवन हो और अब तक इंसान को उसके बारे में पता न हो। दूसरे तरह के शोधों में वे अध्ययन शामिल हैं जिनमें कुछ ग्रहों पर अभी तो जीवन न हो, लेकिन वहां जीवन पनपने का उसका समर्थन करने की स्थितियों का निर्माण हो सकता है मंगल और चंद्रमा को लेकर चल रहे बहुत से शोध इसी श्रेणी में आते हैं। कई वैज्ञानिक शुक्र ग्रह को भी इसी श्रेणी का मानते हैं।
नासा की गंभीरतानासा मंगल को लेकर दोनों तरह के शोधों के प्रति गंभीर है। अभी तक की खोजें साफ करती हैं कि फिलहाल मंगल ग्रह पर जीवन का कोई नामोनिशान नहीं है, लेकिन इस बात के बहुत मजबूत प्रमाण मिलते जा रहे हैं कि कभी मंगल पर जीवन होने के अनुकूल वातावरण रहा होगा। इसी ने दूसरे तरह के शोधों के प्रति उम्मीद जगाए रखी है।
क्या हैं मंगल और शुक्र के हालातफिलहाल मंगल के हालात की बात करें तो वहां कभी पानी रहा होगा यह तो माना जाता है, लेकिन फिलहाल वहां पानी नहीं हैं, और अगर होता भी तो वह बर्फ ही होता क्योंकि इस समय मंगल बहुत ठंडा ग्रह है, लेकिन वहां के वायुमंडल में ज्यादा गैसें नहीं हैं और न ही उसका कोई मैग्नेटिक फील्ड है और न ही वहां कोई ओजोन परत। इस लिहाज मंगल पर हालात बहुत कठिन हैं, वहीं शुक्र ग्रह जो एसिड के बादलों से छाया हुआ है वहां अधिकतम तापमान 465 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।