Vikrant Shekhawat : May 21, 2021, 08:36 AM
पटना: बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण कम हो रहा है। इस बीच ब्लैक फंगस के रूप में एक नई मुसीबत सामने आ गई। सरकार ने इससे निपटने की तैयारी कर ली तो अब बिहार के लोगों के लिए एक और नई मुसीबत आ गई है। यह मुसीबत है वाइट फंगस। गुरुवार को पटना के एक अस्पताल में वाइट फंगस के चार मरीज मिलने से हड़कंप मच गया।पटना में मिले वाइट फंगस के चार मरीजवाइट फंगस को ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। पटना में वाइट फंगस से मिले संक्रमित मरीजों में पटना के एक प्रसिद्ध डॉक्टर भी शामिल हैं। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड डॉ. एसएन सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि वाइट फंगस के चार मरीज मिले हैं, जिनमें कोरोना जैसे ही लक्षण थे। लेकिन वे कोरोना नहीं बल्कि वाइट फंगस से संक्रमित थे। उन्होंने कहा कि चारों मरीजों के कोरोना के तीनों टेस्ट रैपिड एंटीजन, रैपिड एंटीबॉडी और RT-PCR टेस्ट कराए, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।वाइट फंगस पर कल माइक्रोबायोलॉजिस्ट के साथ बैठक करेंगे मंगल पांडेयवाइट फंगस को लेकर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि ये तकनीकी बातें हैं, जिसका विश्लेषण डॉक्टर और जानकार ही बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को माइक्रोबायोलॉजिस्ट के साथ बैठक करेंगे, तभी इस मामले की पूरी जानकारी मिल सकती है।बिहार में बुधवार को मिले थे ब्लैक फंगस के 34 नए मरीजब्लैक फंगस म्यूकरमाइकोसिस के कुल 34 नए मरीज बुधवार को पटना के बड़े सरकारी अस्पतालों में जांच कराने पहुंचे। इनमें से 24 लक्षण वाले मरीज एम्स की ओपीडी में जबकि नौ आईजीआईएमएस में और एक पीएमसीएच में पहुंचे। एम्स में पहुंचे 24 में से सात को इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया। अन्य को दवा देकर जांच कराने की सलाह दी गई है। वहीं, आईजीआईएमएस में आए सभी नौ लोगों को ब्लैक फंगस यूनिट में भर्ती किया गया।