Vikrant Shekhawat : Jul 25, 2024, 04:50 PM
India-China Relation: भारत सरकार अब चीन पर थोड़ी मेहरबानी दिखाने का विचार कर रही है. गलवान घाटी की घटना के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बनी हुई है. चीन की कई कंपनियों को देश से बाहर का रास्ता भी दिखाया गया है. इतना ही नहीं चीनी कंपनियों के भारत में निवेश करने पर भी पाबंदी है. लेकिन अब सरकार कुछ कंपनियों के भारत में निवेश को मंजूरी दे सकती है. इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से ईटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार चीन की कुछ कंपनियों के निवेश को मंजूरी देने के विकल्पों पर विचार कर रही है. ये मुख्य तौर पर सोलर मॉड्यूल्स और क्रिटिकल मिनरल्स सेक्टर में काम करने वाली कंपनियां हैं.चीन की कंपनियों के पास अच्छी टेक्नोलॉजीखबर के मुताबिक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में हाई टेक्नोलॉजी की जरूरत वाले सोलर मॉड्यूल और क्रिटिकल मिनरल्स सेक्टर के लिए चीनी कंपनियों के निवेश का मुद्दा टेबल पर है. इस सेक्टर में काम करने वाली कुछ चीनी कंपनियों को निवेश पर पाबंदी के नियमों से छूट देने को लेकर बातचीत चल रही है, हालांकि ये बातचीत अभी प्राइवेट ही है और इस मुद्दे पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है.क्रिटिकल मिनरल्स में लीथियम से बनने वाली बैटरी भी आती हैं. सरकार ने बजट में बैटरी और सोलर मॉड्यूल पर सीमाशुल्क को कम भी किया है, जो देश की ऊर्जा संरक्षण, ऊर्जा परिवर्तन और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की जरूरतों के मुताबिक हैं. सोलर और ईवी दोनों पर ही सरकार का बड़ा फोकस है.ज्यादा निवेश आकर्षित करने की जरूरतइतना ही सरकार के आर्थिक सर्वे 2023-24 में ये साफ कहा गया है कि देश को और अधिक निवेश आकर्षित करने की जरूरत है. इसलिए भी सरकार चीनी कंपनियों के निवेश को मंजूरी देने पर विचार कर रही है. रॉयटर्स की भी एक खबर में सरकार के चीन पर मेहरबानी दिखाने की संभावना को लेकर चर्चा की गई है. बजट में भी सरकार ने एंजल टैक्स को खत्म करने और विदेशी कंपनियों के कॉरपोरेट टैक्स को 40 से घटाकर 35 प्रतिशत करने जैसे प्रावधान किए हैं.