Vikrant Shekhawat : May 24, 2022, 06:54 PM
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे अजय कोठियाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। अजय कोठियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की उपस्थिति में मंगलवार को देहरादून में बीजेपी की सदस्यता ली। उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिनों पहले अजय कोठियाल ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और उन्होंने अपना इस्तीफा सीधे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजा था। इस संबंध में उन्होंने खुद ट्वीट कर के जानकारी दी थी।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्ध सैनिकों, बुजुर्गों और बुद्धिजिवियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मैं पार्टी छोड़ रहा हूं।अजय कोठियाल के आप की सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही आम आदमी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रहे भूपेश उपाध्याय ने भी पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की नीतियों से खफा होकर भूपेश उपाध्याय ने ये कदम उठाया था।गंगोत्री से हारे थे चुनावइस साल हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में आप के टिकट पर कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमाया था। हालांकि इस दौरान उनकी करारी हार हुई थी और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे। उन्हें केवल 6161 वोट मिले थे, जो कि कुल मतों के केवल 10।33 प्रतिशत थे।उल्लेखनीय है कि कर्नल अजय कोठियाल ने भारतीय सेना में रहते हुए 17 आतंकवादियों को ढेर किया था, जिसके बाद वे चर्चा में आए थे। वे टिहरी गढ़वाल के गुरदासपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने दो बार एवरेस्ट फतेह किया है। साथ ही एवरेस्ट के कई अभियानों का भी नेतृत्व किया है। केदारनाथ पुनर्निमाण के दौरान भी उनकी भूमिका काफी सक्रिय रही थी।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्ध सैनिकों, बुजुर्गों और बुद्धिजिवियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मैं पार्टी छोड़ रहा हूं।अजय कोठियाल के आप की सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही आम आदमी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रहे भूपेश उपाध्याय ने भी पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की नीतियों से खफा होकर भूपेश उपाध्याय ने ये कदम उठाया था।गंगोत्री से हारे थे चुनावइस साल हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में आप के टिकट पर कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमाया था। हालांकि इस दौरान उनकी करारी हार हुई थी और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे। उन्हें केवल 6161 वोट मिले थे, जो कि कुल मतों के केवल 10।33 प्रतिशत थे।उल्लेखनीय है कि कर्नल अजय कोठियाल ने भारतीय सेना में रहते हुए 17 आतंकवादियों को ढेर किया था, जिसके बाद वे चर्चा में आए थे। वे टिहरी गढ़वाल के गुरदासपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने दो बार एवरेस्ट फतेह किया है। साथ ही एवरेस्ट के कई अभियानों का भी नेतृत्व किया है। केदारनाथ पुनर्निमाण के दौरान भी उनकी भूमिका काफी सक्रिय रही थी।