उतर प्रदेश / बेटे की किडनैपिंग रिपोर्ट लिखाने थाने गई महिला के साथ बदसलूकी के आरोप, घर आकर कर ली खुदकुशी

यूपी के बांदा से पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। यहां अपने बेटे के अपहरण की रिपोर्ट लिखाने आई मां को पहले तो पुलिस ने सुबह से शाम तक थाने में बिठाकर मानसिक दबाव बनाया और बाद में एफआईआर लिखने की बजाय उल्टा पीड़िता के भाई को लॉकअप के अंदर डाल दिया। आरोप है कि पुलिस ने ऐसा उस पक्ष के कहने पर किया जिस पर अपहरण का आरोप था।

Vikrant Shekhawat : Jul 12, 2021, 07:18 AM
यूपी के बांदा से पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। यहां अपने बेटे के अपहरण की रिपोर्ट लिखाने आई मां को पहले तो पुलिस ने सुबह से शाम तक थाने में बिठाकर मानसिक दबाव बनाया और बाद में एफआईआर लिखने की बजाय उल्टा पीड़िता के भाई को लॉकअप के अंदर डाल दिया। आरोप है कि पुलिस ने ऐसा उस पक्ष के कहने पर किया जिस पर अपहरण का आरोप था। थाने में हुई बेइज्जती से शर्मिंदा महिला ने घर लौटकर रेलिंग में लटककर सुसाइड कर लिया, उसने इसका फेसबुक लाइव भी किया। महिला की दो बेटियों में से एक रिया रैकवार फैशन मॉडल है, जोकि देश के कई फैशन कंटेंस्ट्स में खास मुकाम बना चुकी है। 

जानकारी के अनुसार शहर के चिल्ला रोड बाईपास निवासी सुधा चंद्रवंशी रैकवार नाम की महिला के बेटे दीपक का बीते शुक्रवार कुछ लोग अपहरण कर ले गए थे। अपहरण करने का जिन लोगों पर आरोप था उनके खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने महिला अपने भाई के साथ बांदा शहर कोतवाली गयी थी।

एक बार शुक्रवार को जाने के बाद वह शनिवार सुबह से लेकर शाम तक कोतवाली में ही बैठी रही, लेकिन रिपोर्ट लिखने या बेटे की तलाश करने की बजाय पुलिस ने उल्टा पीड़िता पर ही मानसिक दबाव बनाया। इतना ही नहीं महिला के भाई को भी पुलिस ने लॉकअप में बंद कर दिया। आरोप है कि कोतवाली पुलिस ने ऐसा आरोपी पक्ष के कहने पर किया।

थाने में पुलिस द्वारा हुए अपमान से आहत महिला ने घर लौटकर शाम करीब 5 बजे फेसबुक लाइव कर सुसाइड कर लिया। उधर महिला की दोनों बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार ने पुलिस पर अपराधियों के साथ मिलकर काम करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। अस्पताल में परिजनों और पुलिस के बीच कई बार तीखी नोंकझोंक भी हुई।

उधर पुलिस इस पूरे मामले को शुरुआती तौर पर बेहद हल्के ढंग से पेश करने में जुटी रही। बांदा के सीओ सिटी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि मृत महिला का नाम सुधा रैकवार है, इनका पैसों के लेनदेन का कुछ विवाद था। 

जिस पर इन्हें कोतवाली लाया गया था। बाद में इनके द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गयी। इनका बेटा दीपक भी शुक्रवार से लापता है, जिसकी एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

बेटे के अपहरण की जिस एफआईआर को लिखाने के लिए पीड़िता शुक्रवार से शनिवार शाम तक थाने में डटी रही उसे पुलिस ने अभी संज्ञान में आना कहकर न सिर्फ छुपा दिया, बल्कि सीधा पल्ला भी झाड़ लिया।

हालांकि महिला की बांदा शहर कोतवाली में हुई पुलिसिया बेइज्जती के सवाल पर सीओ सिटी ने दोषियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है, लेकिन जिस तरह से पुलिस ने इस पूरे मामले को डील किया, वह उसकी कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रहा है।