Russia Oil Leakage / अमेरिका ने नदी में बिखरे डीजल को साफ करने में की मदद की पेशकश

संयुक्त राज्य अमेरिका ने शनिवार को रूस के उत्तरी साइबेरिया में स्थित आर्कटिक नदी में बहे तेल को साफ करने में मदद करने की पेशकश की। दरअसल, एक पावर प्लांट से 20 हजार टन डीजल रिसाव के बाद नजदीक की नदी में बह गया। इससे नदी का रंग सफेद से लाल हो गया है। जिस प्लांट से तेल का रिसाव हुआ है वो साइबेरिया के नोर्लिस्क शहर में स्थित है।

AMAR UJALA : Jun 07, 2020, 05:22 PM
संयुक्त राज्य अमेरिका: ने शनिवार को रूस के उत्तरी साइबेरिया में स्थित आर्कटिक नदी में बहे तेल को साफ करने में मदद करने की पेशकश की। दरअसल, एक पावर प्लांट से 20 हजार टन डीजल रिसाव के बाद नजदीक की नदी में बह गया। इससे नदी का रंग सफेद से लाल हो गया है। जिस प्लांट से तेल का रिसाव हुआ है वो साइबेरिया के नोर्लिस्क शहर में स्थित है।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्विटर पर लिखा, ‘रूस में ईंधन रिसाव के बारे में सुनकर दुख हुआ। हमारी असहमति के बावजूद, अमेरिका इस पर्यावरणीय आपदा को कम करने और रूस की सहायता के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता की पेशकश करने को तैयार है।’

29 मई को नोर्लिस्क निकल माइनिंग ग्रुप का एक डीजल फ्यूल टैंक साइबेरियाई औद्योगिक शहर के पास गिर गया जिससे पास बह रही नदी में कम से कम 15,000 टन डीजल बिखर गया। जबकि आस पास की जमीन में छह हजार डीजल बिखर गया।

रूसी पर्यावरण विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में साइबेरिया क्षेत्र में जल और मृदा संकट की संभावना जताई है। उनका कहना है कि इस रिसाव से 350 वर्ग मील से ज्यादा क्षेत्र प्रभावित है। यहां की अंबरनाया नदी में 15 हजार टन पेट्रोलियम उत्पाद मिल गए हैं। जिनकी सफाई करना बहुत मुश्किल है। आगे जाकर नदी एक झील से मिलती है। इससे जलीय जीवन को भारी नुकसान हो सकता है। 

घटना की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने  साइबेरिया में आपातलकाल घोषित किया है। उन्होंने कहा है कि इसकी सफाई में कुछ सालों का समय लग सकता है और उम्मीद जताई है कि कंपनी इसका भुगतान करेगी। नदी को साफ करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन यह काफी मुश्किल है। 


किस तरह हुआ डीजल का रिसाव

बताया जा रहा है कि प्लांट में डीजल का रिसाव फ्यूल टैंक के एक पिलर के धंसने की वजह से शुरू हुआ। यह टैंक बर्फीली कठोर जमीन पर बना हुआ था जो तापमान बढ़ने के बाद पिघलने लगा। हालांकि साइबेरिया क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं कम ही होती हैं।