India Taiwan Trade / अमेरिका का ताइवान को मिला साथ, भारत आने को तैयार हुईं सेमीकंडक्टर कंपनियां

जब से चीन और ताइवान में टशन शुरू हुई है, तब से इस बात की सुगबुगाहट थी कि ताइवानी कंपनियां अपने बिजनेस को चीन से जल्द समेट सकती है. इस बात को तब और हवा मिली जब अमेरिका ने ताइवान को सपोर्ट किया. अब जो खबर सामने आ रही है वो भारत के लिए काफी खुशी की है. वास्तव में ताइवानी सेमीकंडक्टर कंपनियां भारत में प्लांट लगाने के लिए स्पेस की तलाश कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर भारत भी ताइवानी सेमीकंडटर कंपनियों के लिए रेड कार्पेट बिछाने

Vikrant Shekhawat : Jul 03, 2023, 08:41 AM
India Taiwan Trade: जब से चीन और ताइवान में टशन शुरू हुई है, तब से इस बात की सुगबुगाहट थी कि ताइवानी कंपनियां अपने बिजनेस को चीन से जल्द समेट सकती है. इस बात को तब और हवा मिली जब अमेरिका ने ताइवान को सपोर्ट किया. अब जो खबर सामने आ रही है वो भारत के लिए काफी खुशी की है. वास्तव में ताइवानी सेमीकंडक्टर कंपनियां भारत में प्लांट लगाने के लिए स्पेस की तलाश कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर भारत भी ताइवानी सेमीकंडटर कंपनियों के लिए रेड कार्पेट बिछाने को तैयार है. अगर ऐसा होता है तो देश में लाखों नौकरियां तो जेनरेट होंगी ही साथ ही भारत दुनिया में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के मामले में दुनिया का सबसे बडा देश बनने की ओर अग्रसर हो जाएगा. आइए आपको भी बताते हैं आखिर मीडिया रिपोर्ट में किस तरह की खबरें तैर रही हैं.

मैन्युफैक्चरिंग बेस को भारत में ट्रांसफर करने पर विचार

चीन के साथ लगातार चल रहे टशन के बीच, ताइवान सरकार के टॉप पॉलिसी मेकर्स ने कहा है कि प्रमुख ताइवानी टेक कंपनियां चीनी बाजार में अपने रिस्क को कम करने के लिए अपने मैन्युफैक्चरिंग बेस को भारत में ट्रांसफर करने पर विचार कर रही हैं. ताइवान के नेशनल डेवलपमेंट डिप्टी मिनिस्टर काओ शिएन-क्यू ने कहा कि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट के निर्माण के साथ कई टेक सेक्टर्स में नई दिल्ली और ताइपे के बीच सहयोग की बहुत बड़ी गुंजाइश है.

अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रमुख ताइवानी टेक कंपनियां ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए भारत को एक अहम देश के तौर पर देख रहे हैं. बीजिंग और वाशिंगटन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर और ताइवान के आसपास चीनी सेना की बढ़ती ताकत के मद्देनजर ताइवानी कंपनियां अपने प्रोडक्शन बेस को चीन से यूरोप, उत्तरी अमेरिका, अमेरिका और भारत के देशों में ट्रांसफर करने पर विचार कर रही हैं. पिछले साल अगस्त में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पालोसी की ताइवानी यात्रा के बाद चीन और ताइवान के बीच संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं.

भारत रेड कार्पेट बिछाने को तैयार

भारत दुनिया की सबसे बड़ी चिप मेकर ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन के अलावा दूसरी प्रमुख ताइवानी चिप मेकर कंपनियों के लिए रेड कार्पेट बिछाने को तैयार है. जिनके ग्राहकों में दुनिया की सबसे बडी कंपनी एपल भी शामिल है. शिएन-क्यू ने कहा कि ग्लोबल सप्लाई चेन रिस्ट्रक्चरिंग और ‘चीन प्लस वन’ स्ट्रैटिजी के लार्जर कंटेक्स्ट के साथ, मुझे यकीन है कि हम सेमीकंडक्टर और इंफोर्मेशन और कंयूनीकेशन इंडस्ट्री के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच सहयोग में तेजी देखेंगे.

भारत में बनेगा प्रोडक्शन सेंटर

पता चला है कि बड़ी संख्या में ताइवानी कंपनियां भारत में दो औद्योगिक पार्कों में प्रोडक्शन सेंटर स्थापित करने जा रही हैं, जो विशेष रूप से ताइवान के प्रमुख उद्योगों के लिए स्थापित किए जा रहे हैं. एक अधिकारी ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि ताइवान की एक सेमीकंडक्टर कंपनी के लिए भारत में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए बातचीत अंतिम चरण में है.

दुनिया का 70 फीसदी सेमीकंडक्टर ताइवान का

ताइवान दुनिया के लगभग 70 फीसदी से से अधिक सेमीकंडक्टर और 90 फीसदी से अधिक सबसे एडवांस चिप्स का प्रोडक्शन करता है. जो स्मार्टफोन, कार घटकों, डेटा सेंटर, लड़ाकू जेट और एआई टेक जैसे लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट के लिए जरूरी हैं.

ट्रेड बढ़ाने काे बातचीत की कोशिश जारी

त्सुन-त्ज़ु सू ने कहा कि ताइवान सरकार ने कहा कि वह भारत के साथ आपने ट्रेड को बढाने के लिए व्यापार समझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है. ताइवान स्थित फॉक्सकॉन, जो एपल का सबसे बड़ा सप्लायर है, तमिलनाडु में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी है. कंपनी अब कर्नाटक में एक और आईफोन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित कर रही है, जिसका उत्पादन अगले साल अप्रैल तक शुरू होने की उम्मीद है.

द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ा

नई दिल्ली और ताइपे ने लगभग पांच साल पहले एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका उद्देश्य भारत में ताइवानी निवेश की रक्षा करना है. भारत और ताइवान के बीच द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा है. दोनों के बीच कारोबार 2006 में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2021 में 8.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है.

दोनों देशों के काफी गुंजाइश

त्सुन-त्ज़ु सू ने कहा कि हाल ही में, हमने ताइवानी कंपनियों के भारत आने और ऑपरेशन का विस्तार करने के लिए नई स्पीड गति देखी है. फॉक्सकॉन का विस्तार इसका एक उदाहरण है. उप मंत्री शिएन-क्यू ने कहा कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत और ताइवान के बीच सहयोग की काफी गुंजाइश है.