देश / लद्दाख पर चीन से तनाव के बीच भारत का काउंटर, PM मोदी ने की श्रीलंका-मॉरीशस से बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दो महत्वपूर्ण लोगों से फोन पर बातचीत की। एक श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ और दूसरा मॉरीशस के अपने समकक्ष प्रवीण जुगनथ के साथ। ये दोनों ही हिंद महासागर में द्वीपीय देश हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन दोनों के साथ संबंध बढ़ा रहा है और वहां अपने पदचिह्नों को आक्रामक रूप से बढ़ा रहा है।

News18 : May 23, 2020, 09:58 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को दो महत्वपूर्ण लोगों से फोन पर बातचीत की। एक श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) के साथ और दूसरा मॉरीशस (Mauritius) के अपने समकक्ष प्रवीण जुगनथ (Pravind Jugnauth) के साथ। ये दोनों ही हिंद महासागर (Indian Ocean) में द्वीपीय देश हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन दोनों के साथ संबंध बढ़ा रहा है और वहां अपने पदचिह्नों को आक्रामक रूप से बढ़ा रहा है।

राष्ट्रपति राजपक्षे के साथ हुई बातचीत में, "श्रीलंका (Sri Lanka) में भारतीय-सहायता प्राप्त विकास परियोजनाओं में तेजी लाने की आवश्यकता" पर सहमति बनी। नई दिल्ली (New Delhi) ने जो एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की उसके अनुसार, भारत ने भारतीय निजी क्षेत्र के जरिए श्रीलंका में निवेश और वैल्यू-एडिशन को बढ़ावा देने का भी वादा किया।

दोनों नेताओं से आर्थिक प्रभावों से निपटने में समर्थन देने की कही बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री पी के जुगनथ से बातचीत की और कोविड-19 महामारी और इसके आर्थिक प्रभावों से निपटने में हर संभव समर्थन देने की बात कही।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से बातचीत हुई । श्रीलंका कोविड-19 से उनके नेतृत्व में प्रभावी ढंग से लड़ाई लड़ रहा है।

श्रीलंका को दिया आश्वासन, महामारी के प्रभाव कम करने में सहायता करेगा भारत

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने आज श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से टेलीफोन पर बातचीत के दौरान ‘कोविड-19’ महामारी (Covid-19 Pandemic) के मौजूदा प्रकोप के साथ-साथ इस क्षेत्र में इसके संभावित स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभावों पर विचार-विमर्श किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति को यह आश्वासन दिया कि भारत महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए श्रीलंका को हरसंभव सहायता निरंतर जारी रखेगा।

भारतीय सहायता प्राप्त परियोजनाओं में तेजी लाने पर बनी सहमति

राष्ट्रपति राजपक्षे ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को अपने देश में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्‍न कदमों के बारे में जानकारी दी। इस संदर्भ में दोनों ही राजनेताओं ने श्रीलंका में कार्यान्वित की जा रही भारतीय सहायता प्राप्त विकास परियोजनाओं में तेजी लाने की आवश्यकता पर सहमति जताई।

बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारत के निजी क्षेत्र द्वारा श्रीलंका में निवेश और मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के लोगों के अच्‍छे स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

मॉरीशस के पीएम को कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए दी बधाई

प्रधानमंत्री मोदी ने आज मॉरीशस के प्रधानमंत्री पी के जुगनथ से भी बातचीत की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘गर्मजोशी भरे बातचीत के लिये धन्यवाद प्रधानमंत्री पी के जुगनथ। मॉरीशस में कोविड-19 को नियंत्रित रखने के लिये बधाई। ’’ प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच चर्चा के दौरान चक्रवात अम्फान से भारत में हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री जुगनथ ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने भारतीय नौसेना के जहाज 'केसरी' को 'ऑपरेशन सागर' के हिस्से के रूप में मॉरीशस भेजने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया।

गौरतलब है कि कोविड -19 महामारी के खिलाफ लडाई में मॉरीशस के स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद करने के लिए दवाओं की खेप और 14 सदस्यीय मेडिकल टीम के साथ जहाज मॉरीशस पहुंचा था।

बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और मॉरीशस के लोगों बीच विशेष संबंधों को याद किया और कहा कि भारत इस संकट के समय में अपने मित्रों का समर्थन करने के लिए कर्तव्यबद्ध है।

क्षेत्रीय सहयोग और वित्तीय क्षेत्र के समर्थन पर भी हुई चर्चा

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जुगनथ के नेतृत्व में मॉरीशस द्वारा कोविड -19के खिलाफ प्रभावी उपायों की प्रशंसा की, जिसके परिणामस्वरूप पिछले कई हफ्तों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने सुझाव दिया कि मॉरीशस अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं का दस्तावेज तैयार कर सकता है, जो अन्य देशों, विशेष रूप से द्वीप देशों के लिए समान स्वास्थ्य संकटों से निपटने में सहायक होगा।

दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की, जिसमें मॉरीशस के वित्तीय क्षेत्र का समर्थन करने के उपाय और मॉरीशस के युवाओं को आयुर्वेदिक चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए सक्षम बनाना शामिल है।