Amritpal Singh / मर्सिडीज़ में आए अमृतपाल सिंह के ड्राइवर और चाचा, पुलिस के सामने कर दिया सरेंडर

अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया है। लेकिन धीरे-धीरे उसके हर एक साथी को गिरफ्तार करती जा रही है। खबर है कि सोमवार को अमृतपाल सिंह के चाचा और ड्राइवर ने पंजाब पुलिस के आगे सरेंडर कर दिया है। अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर ने मेहतपुर के नाके पर आकर सरेंडर किया है। दोनों के पास से पुलिस ने मर्सिडीज़ गाड़ी भी बरामद की है। जिसमें अमृतपाल, उसका ड्राइवर, चाचा और एक साथी फ़रार हुआ था। अमृतपाल के चाचा के पास से

Vikrant Shekhawat : Mar 20, 2023, 10:20 AM
Amritpal Singh: अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया है। लेकिन धीरे-धीरे उसके हर एक साथी को गिरफ्तार करती जा रही है। खबर है कि सोमवार को अमृतपाल सिंह के चाचा और ड्राइवर ने पंजाब पुलिस के आगे सरेंडर कर दिया है। अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर ने मेहतपुर के नाके पर आकर सरेंडर किया है। दोनों के पास से पुलिस ने मर्सिडीज़ गाड़ी भी बरामद की है। जिसमें अमृतपाल, उसका ड्राइवर, चाचा और एक साथी फ़रार हुआ था। अमृतपाल के चाचा के पास से पैसे और पिस्टल भी बरामद हुई है। बता दें कि पुलिस अब तक अमृतपाल के 112 समर्थकों को गिरफ्तार कर चुकी है। इतना ही नहीं सूत्रों ने बताया कि अमृतपाल से भी सरेंडर को लेकर पुलिस की नेगोशिएशन चल रही है। 

सेंट्रल एजेंसी के डोज़ियर में हुआ बड़ा खुलासा

पंजाब पुलिस की जांच में अमृतपाल के ISI के साथ कनेक्शन का खुलासा हुआ है। पुलिस अब उस पर NSA लगाने की तैयारी में है। इंडिया टीवी के पास सेंट्रल एजेंसी के डोज़ियर को जो कॉपी भी है उसमें अमृतपाल के पाकिस्तान और खालिस्तानी आतंकियों के साथ जुड़े होने के सबूत हैं। इस डोज़ियर में जिक्र है कि अमृतपाल ISI के कहने पर 2022 में पंजाब लौटा था और पंजाब आकर उसने युवाओं को भड़काकर अपनी फोर्स बनाना शुरू कर दिया था। इसमें कहा गया है कि अमृतपाल का मकसद पंजाब में जंग छेड़ना था।  

अमृतपाल ने 'वारिस पंजाब दे' की संभाली कमान

दरअसल, पंजाब में खालिस्तान समर्थक दीप सिद्धू ने 'वारिस पंजाब दे' नामक संगठन की शुरुआत थी। उसकी मौत के बाद अमृतपाल सिंह ने इस संगठन को आगे बढ़ाया। अमृतपाल सिंह के गांव में ‘वारिस पंजाब दे’ का एक बड़ा पोस्टर लगा हुआ है, जिसमें जरनैल सिंह भिंडरावाले, दीप सिद्धू और अमृतपाल सिंह की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगी हैं। भिंडरावाले के नाम के आगे संत और अमृतपाल सिंह के नाम से पहले भाई लिखा गया है, जबकि दीप सिद्धू के नाम से पहले कुछ भी नहीं लिखा गया है।