Vikrant Shekhawat : Nov 07, 2021, 07:55 AM
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को 19 नवंबर तक न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया है. अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब तक प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) की कस्टडी में थे. आज (6 नवंबर, शनिवार) उनकी ईडी कस्टडी खत्म हो रही थी. इसलिए ईडी ने उन्हें PMLA कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने अनिल देशमुख की कस्टडी को और 13 दिनों के लिए बढ़ा दिया. अब अनिल देशमुख इन 13 दिनों तक आर्थर रोड जेल में रहेंगे.कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश करने से पहले अनिल देशमुख को मुंबई के जे..जे. अस्पताल में मेडिकल चेक अप के लिए ले जाया गया. दोपहर 12.30 बजे अनिल देशमुख से संबंधित केस की सुनवाई शुरू हुई. अनिल देशमुख की ओर से उनके वकील अनिल सिंह ने जमानत के लिए दलील दी. ईडी ने इसका विरोध किया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुन कर अनिल देशमुख को 19 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे?अनिल देशमुख सोमवार को ईडी के कार्यालय में हाजिर हुए थे. ईडी ने 12 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 6 नवंबर तक के लिए ईडी कस्टडी में भेज दिया था. आज यह कस्टडी खत्म हो गई थी. इसके बाद अब कोर्ट ने उन्हें जूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है. अब देशमुख के वकीलों द्वारा उनकी जमानत के लिए आज या कल अर्जी दे सकते हैं.परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ और सबूत ना होने का हलफनामा भेजाइस बीच अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने इस मामले की जांच कर रहे चांदीवाल आयोग को एक हलफनामा भेजा है. इस हलफनामें में उन्होंने कहै है कि उनके पास अनिल देशमुख के खिलाफ और कोई सबूत नहीं हैं. महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस मामले की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है.अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख गिरफ्तारी से बचने के लिए सेशंस कोर्ट पहुंचेइस बीच ईडी ने अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख को समन्स भेजकर गुरुवार के दिन सुबह 11 बजे मुंबई कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था. इस बात की आशंका थी कि ईडीके अधिकारी उनसे सख्ती से पूछताछ करेंगे. ऐसे में ऋषिकेश देशमुख गुरुवार को ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए. हाजिर होने की बजाए वे गिरफ्तारी से पूर्व जमानत लेने की कोशिश में लग गए. इसके लिए उन्होंने आज सत्र न्यायालय में इसके लिए याचिका दाखिल की है. इस याचिका पर 12 नवंबर को सुनवाई होगी.क्या है पूरा मामला?मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को पत्र लिखकर पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए थे. परमबीर सिंह का आरोप था कि अनिल देशमुख सचिन वाजे सहित पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल मुंबई के बार और रेस्टोरेंट्स से वसूली के लिए कर रहे हैं. परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया है.इसके बाद एपीआई सचिन वाजे पर भी इस मामले में कार्रवाई की गई और उन्हें मुख्य आरोपी के तौर पर अरेस्ट किया गया. अनिल देशमुख के निजी सचिव (PS) संजीव पालांडे और निजी सहायक (PA) कुंदन शिंदे को इस मामले में दो महीने पहले गिरफ्तार किया गया. सचिन वाजे फिलहाल महाराष्ट्र पुलिस की कस्टडी में है. सचिन वाजे की भी आज क्राइम ब्रांच की कस्टडी खत्म हुई. आज फिर सचिन वाजे को 13 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया.