
- भारत,
- 10-Dec-2019 06:40 AM IST
नई दिल्ली | लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में जेडीयू, बीजद एवं पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने से विधेयक पर संसद का अंकगणित बदल गया है। इस अंक गणित से लोकसभा में भारी भरकम बहुमत वाली भाजपा को भले ही ज्यादा फर्क न पड़ता हो, लेकिन राज्यसभा में यह अंकगणित सरकार के पक्ष में रहेगा।इस साल जनवरी माह में केंद्र सरकार को इन्ही दलों के विरोध के कारण राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा कराने से पीछे हटना पड़ा था। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर काफी अक्रामक है। कई विपक्षी पार्टियां भी उनका समर्थन कर रही है। पर सरकार ने जद(यू) और बीजेडी को अपने साथ कर अंकगणित बदल लिया है।महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने वाली शिवसेना भी इस मुद्दे पर सरकार के साथ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी भी सरकार के पक्ष में खड़ी है। भाजपा को अपने 83 सांसदों के साथ एनडीए के 109 सदस्यों का समर्थन है। इन पार्टियों के साथ आने से भाजपा को 18 और सांसदों का समर्थन मिल जाएगा। यह समर्थन राज्यसभा में विधेयक को पारित कराने के लिए काफी है। राज्यसभा में इस वक्त कुल 240 सदस्य हैं। नागरिक को शरणार्थी नहीं बनने देंगे : ममतावहीं दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध किया है। उन्होंने विपक्षी दलों का आह्वान करते हुए कहा कि देश के एक भी नागरिक को शरणार्थी नहीं बनने दिया जाएगा। ममता ने खड़गपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, एनआरसी और कैब को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।