Vikrant Shekhawat : Jun 17, 2021, 04:53 PM
नई दिल्ली: मौत को मात देकर जिंदा होने वाले सात साल के मासूम को लोग चमत्कार मान रहे हैं। दरअसल 20 दिन पहले जिस बच्चे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। लेकिन घर ले जाते ही उस बच्चे की सांसें दोबारा चलने लगीं। जिसके बाद उसे रोहतक के अस्पताल में भर्ती कराया गया और वह स्वस्थ होकर वापस घर लौट आया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला हरियाणा के बहादुरगढ़ का है। जहां रहने वाले एक दंपति के बेटे को टाइफाइड हो गया था। जिसे इलाज के लिए दिल्ली लाया गया। लेकिन 26 मई को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजन उसका शव लेकर बहादुरगढ़ लौट आए। और उसके अंतिम संस्कार के सारे इंतजाम कर लिए गए।
पैक शव में महसूस हुई हरकतबच्चे की मौत के बाद उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल था। वह बच्चे को हिला-हिलाकर वापस आने की पुकार कर रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ ही समय बाद बच्चे के शरीर में कुछ हरकत हुई। जिसके बाद पिता हितेश ने बच्चे को मुंह से सांस देने लगे और पड़ोसी सुनील ने बच्चे की छाती पर दबाव देना शुरू किया। और बच्चे की सांसें चलने लगीं। जिसके बाद परिजन फौरन बच्चे को लेकर रोहतक के एक अस्तपाल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने बच्चे के बचने की मात्र 15 फीसदी उम्मीद जताई थी। लेकिन इलाज के बाद बच्चे ने रिकवरी शुरू की और वह पूरी तरह ठीक होकर मंगलवार को घर पहुंच गया। परिजन इसे चमत्कार बता रहे हैं। बच्चे के ठीक होने से हर तरफ खुशी का माहौल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला हरियाणा के बहादुरगढ़ का है। जहां रहने वाले एक दंपति के बेटे को टाइफाइड हो गया था। जिसे इलाज के लिए दिल्ली लाया गया। लेकिन 26 मई को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजन उसका शव लेकर बहादुरगढ़ लौट आए। और उसके अंतिम संस्कार के सारे इंतजाम कर लिए गए।
पैक शव में महसूस हुई हरकतबच्चे की मौत के बाद उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल था। वह बच्चे को हिला-हिलाकर वापस आने की पुकार कर रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ ही समय बाद बच्चे के शरीर में कुछ हरकत हुई। जिसके बाद पिता हितेश ने बच्चे को मुंह से सांस देने लगे और पड़ोसी सुनील ने बच्चे की छाती पर दबाव देना शुरू किया। और बच्चे की सांसें चलने लगीं। जिसके बाद परिजन फौरन बच्चे को लेकर रोहतक के एक अस्तपाल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने बच्चे के बचने की मात्र 15 फीसदी उम्मीद जताई थी। लेकिन इलाज के बाद बच्चे ने रिकवरी शुरू की और वह पूरी तरह ठीक होकर मंगलवार को घर पहुंच गया। परिजन इसे चमत्कार बता रहे हैं। बच्चे के ठीक होने से हर तरफ खुशी का माहौल है।