Vikrant Shekhawat : May 09, 2022, 07:13 AM
कोलकाता/भुवनेश्वर। बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी के ऊपर बना चक्रवात ‘असानी’ रविवार शाम को अधिक तीव्र होकर एक भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया। ऐसा इसके उत्तर आंध्र प्रदेश-ओडिशा तटों की दिशा में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने के कारण हुआ। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक मंगलवार को ‘असानी’ के उत्तर आंध्र-ओडिशा तटों से पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंचने के बाद उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ने की आशंका है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा, इसके बाद गंभीर चक्रवाती तूफान के बुधवार को भयानक चक्रवाती तूफान में बदलने और गुरुवार तक गहरे दबाव में बदलने की आशंका है। असनी के कारण तीन राज्यों पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और ओडिशा के प्रभावित होने की आशंका है, इसलिए तीनों राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है।
ओडिशा में बचाव अभियान की पर्याप्त व्यवस्थाआईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात पूर्वी तट के समानांतर चलेगा और मंगलवार शाम से बारिश होने का कारण बनेगा। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जेना ने कहा कि राज्य सरकार ने बचाव अभियान के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। उन्होंने कहा, हमें राज्य में कोई बड़ा खतरा दिखाई नहीं दे रहा है, क्योंकि यह पुरी के पास तट से करीब 100 किलोमीटर दूर से गुजर जाएगा। हालांकि, राष्ट्रीय आपदा प्रक्रिया बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) और दमकल सेवाओं के बचाव दल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। बालासोर में एनडीआरएफ के एक दल को तैनात किया गया है और ओडीआरएएफ के एक दल को गंजम जिले में भेजा गया है।ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश की संभावनाओडीआरएएफ की टीम पुरी जिले के कृष्ण प्रसाद, सतपाड़ा, पुरी और अस्टारंग ब्लॉक और केंद्रपाड़ा के जगतसिंहपुर, महाकल्पपाड़ा और राजनगर और भद्रक में भी तैयार हैं। जेना ने कहा कि सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। जिला अधिकारियों को स्थानीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुरक्षित निकासी का अधिकार सौंपा गया है। भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा, चक्रवात के प्रभाव में मंगलवार शाम से तटीय जिलों में बारिश संबंधित गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। मंगलवार को ओडिशा के गजपति, गंजम और पुरी के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। बुधवार को गंजम, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर और कटक में भारी बारिश हो सकती है। गुरुवार को पुरी, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर में भारी बारिश की संभावना है।मछुआरों को तटों पर न जाने की हिदायतमौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात के मंगलवार से शुक्रवार तक पश्चिम बंगाल के गंगा वाले तटीय इलाके में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, साथ ही कोलकाता के तटीय जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। कोलकाता के महापौर फिरहाद हाकिम ने कहा, मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद आपदा प्रबंधन दलों को सतर्क कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मई 2020 में अम्फान चक्रवात के विनाशकारी प्रभावों से सबक लेते हुए, नगर निगम प्रशासन गिरे हुए पेड़ों और अन्य मलबे के कारण होने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए क्रेन, विद्युत आरी और बुल्डोजर (अर्थमूवर) को सतर्क रखने जैसे सभी उपाय कर रहा है।कोलकाता सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना के प्रशासन सूखे भोजन और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था के अलावा, निकासी की जरूरत होने पर चक्रवात आश्रयों, स्कूलों और अन्य पक्के ढांचे को तैयार कर रहे हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे मंगलवार से अगली सूचना तक समुद्र और पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों पर न जाएं।
ओडिशा में बचाव अभियान की पर्याप्त व्यवस्थाआईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात पूर्वी तट के समानांतर चलेगा और मंगलवार शाम से बारिश होने का कारण बनेगा। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जेना ने कहा कि राज्य सरकार ने बचाव अभियान के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। उन्होंने कहा, हमें राज्य में कोई बड़ा खतरा दिखाई नहीं दे रहा है, क्योंकि यह पुरी के पास तट से करीब 100 किलोमीटर दूर से गुजर जाएगा। हालांकि, राष्ट्रीय आपदा प्रक्रिया बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) और दमकल सेवाओं के बचाव दल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। बालासोर में एनडीआरएफ के एक दल को तैनात किया गया है और ओडीआरएएफ के एक दल को गंजम जिले में भेजा गया है।ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश की संभावनाओडीआरएएफ की टीम पुरी जिले के कृष्ण प्रसाद, सतपाड़ा, पुरी और अस्टारंग ब्लॉक और केंद्रपाड़ा के जगतसिंहपुर, महाकल्पपाड़ा और राजनगर और भद्रक में भी तैयार हैं। जेना ने कहा कि सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। जिला अधिकारियों को स्थानीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुरक्षित निकासी का अधिकार सौंपा गया है। भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा, चक्रवात के प्रभाव में मंगलवार शाम से तटीय जिलों में बारिश संबंधित गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। मंगलवार को ओडिशा के गजपति, गंजम और पुरी के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। बुधवार को गंजम, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर और कटक में भारी बारिश हो सकती है। गुरुवार को पुरी, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर में भारी बारिश की संभावना है।मछुआरों को तटों पर न जाने की हिदायतमौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात के मंगलवार से शुक्रवार तक पश्चिम बंगाल के गंगा वाले तटीय इलाके में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, साथ ही कोलकाता के तटीय जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। कोलकाता के महापौर फिरहाद हाकिम ने कहा, मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद आपदा प्रबंधन दलों को सतर्क कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मई 2020 में अम्फान चक्रवात के विनाशकारी प्रभावों से सबक लेते हुए, नगर निगम प्रशासन गिरे हुए पेड़ों और अन्य मलबे के कारण होने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए क्रेन, विद्युत आरी और बुल्डोजर (अर्थमूवर) को सतर्क रखने जैसे सभी उपाय कर रहा है।कोलकाता सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना के प्रशासन सूखे भोजन और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था के अलावा, निकासी की जरूरत होने पर चक्रवात आश्रयों, स्कूलों और अन्य पक्के ढांचे को तैयार कर रहे हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे मंगलवार से अगली सूचना तक समुद्र और पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों पर न जाएं।