Vikrant Shekhawat : Jan 18, 2022, 11:59 AM
लंबे समय से एस्टेरॉयड को धरती के लिए खतरा बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर एस्टेरॉयड धरती से टकराता है, तो बड़ी तबाही मच सकती है। बताया जाता है कि पृथ्वी का चक्कर लगाने वाला बड़ा एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रह सिर्फ एक बार पृथ्वी से टकराया था जिसके बाद डायनासोर दुनिया से खत्म हो गए थे। इसके बाद कई बार पृथ्वी से पास से गुजरने वाले एस्टेरॉयड के टकराने की बात कही गई, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। अब आज यानी 18 जनवरी को बुर्ज खलीफा (Burj Khallifa) से दोगुने आकार का एक एस्टेरॉयड पृथ्वी के पास से गुजरेगा। बताया जा रहा है यह अभी तक का सबसे बड़ा एस्टेरॉयड है जिसका नाम 7482 (1994 PC1) है। इस एस्टेरॉयड की लंबाई करीब 1 किलोमीटर यानी 3280 फीट है। यह धरती से 19.3 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। इसलिए इससे धरती को कम खतरा है। अगर इसके रास्ते में थोड़ा भी बदलाव होता है, तो धरती के लिए खतरनाक हो सकता है और तबाही मच सकती है।अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी इसको खतरनाक घोषित किया हुआ है।नासा का कहना है कि अगर इतना बड़ा एस्टेरॉयड धरती से टकराता, तो है बहुत बड़ी तबाही मच सकती है। इसलिए ऐसे एस्टेरॉयड को नासा ने संभावित खतरों की सूची में रखा हुआ है। हालांकि नासा ने बताया है कि 7482 (1994 PC1) सुरक्षित तरीके से धरती से 19.3 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। पहली बार साल 1994 में इसकी खोज की गई थी। 89 साल पहले 17 जनवरी 1933 को एस्टेरॉयड 7482 (1994 PC 1) धरती के सबसे पास से गुजरा था। उस समय यह 11 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरा था। अब यह 18 जनवरी 2105 को इतने ही करीब से धरती के पास से गुजरेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी धरती से एस्टेरॉयड को टकराने से रोकने के लिए तकनीक खोजने में लगी हुई है। इसके लिए अमेरिकी अतंरिक्ष एजेंसी ने डार्ट मिशन को लांच किया है।
जानिए क्या है एस्टेरॉयडउल्कापिंड या क्षुद्रग्रह को एस्टेरॉयड के नाम से जाना जाता है। किसी ग्रह के बनते समय उससे छोटे-छोटे चट्टान के टुकड़े निकलकर बाहर हो जाते हैं और सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाने लगते हैं। कभी कभी ऐसा होता है कि यह अपनी कक्षा से बाहर निकल जाते हैं। आमतौर पर ग्रहों की कक्षा में एस्टेरॉयड जल जाते हैं, लेकिन बड़े एस्टेरॉयड कभी-कभी ग्रहों से टकरा जाते हैं। पृथ्वी से भी कई बार एस्टेरॉयड की टक्कर हो चुकी है।
जानिए क्या है एस्टेरॉयडउल्कापिंड या क्षुद्रग्रह को एस्टेरॉयड के नाम से जाना जाता है। किसी ग्रह के बनते समय उससे छोटे-छोटे चट्टान के टुकड़े निकलकर बाहर हो जाते हैं और सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाने लगते हैं। कभी कभी ऐसा होता है कि यह अपनी कक्षा से बाहर निकल जाते हैं। आमतौर पर ग्रहों की कक्षा में एस्टेरॉयड जल जाते हैं, लेकिन बड़े एस्टेरॉयड कभी-कभी ग्रहों से टकरा जाते हैं। पृथ्वी से भी कई बार एस्टेरॉयड की टक्कर हो चुकी है।