जयपुर। केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर-धौलपुर जाट समाज का आंदोलन सरकार के आश्वासन के बाद स्थगित हो गया है। राज्य सरकार ने समाज की तीनों प्रमुख मांगों को मानने पर सहमति जताई है। केंद्र को सिफारिशी चिट्ठी लिखने की जिस प्रमुख मांग पर गतिरोध बना हुआ था, उसे भी पूरा करने को लेकर सरकार ने आश्वस्त किया है।
आंदोलन के तहत भरतपुर में शुरू हुए महापड़ाव के बीच सरकार ने 28 दिसंबर को केंद्र को सिफारिशी चिट्ठी लिखने का आश्वासन दिया है। वहीं सरकार से मिले आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित करते हुए समाज के नेताओं ने फिर चेताया है कि यदि सरकार आश्वासनों को समय रहते पूरा नहीं करती है तो फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा। इससे पहले भरतपुर-धौलपुर जाट समाज के लोगों ने जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे के पास भरतपुर के खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव डाल दिया। पड़ाव के दौरान सरकार से मिले आश्वासनों पर चर्चा हुई और आगे की रणनीति बनाई गई।
भाजपा सांसद पहुंचे पड़ाव पर :
भरतपुर-धौलपुर जाट समाज के कल से शुरू हुए महापड़ाव के पहले दिन भाजपा के दो सांसद पड़ाव स्थल पर पहुंचे। धौलपुर-करौली से भाजपा सांसद मनोज राजोरिया और भरतपुर से भाजपा सांसद रंजीता कोली ने जाट समाज के आंदोलन में शामिल होकर अपना समर्थन दिया। दोनों सांसदों ने सभा को संबोधित करते हुए राज्य सरकार से केंद्र को सिफारिशी चिट्ठी लिखने की पैरवी की।
सरकार ने किया आश्वास्त :
भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि समाज की तीन प्रमुख मांग हैं, जिनमें दोनों जिलों के जाट समाज को केंद्र में आरक्षण दिलाने के लिए राज्य सरकार की केंद्र को सिफारिश चिट्ठी लिखने, समाज के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने और वर्ष 2017 में जाट आंदोलनकारियों पर लगे केस वापिस लेने की मांगें शामिल हैं। सरकार ने इन्हें मानने को लेकर आश्वस्त किया है।