देश / गाड़ियों के इंश्‍योरेंस को लेकर बड़ी खबर, सभी पर होगा लागू; कोर्ट ने कही ये बात

नईगाड़ी खरीदने वालों के लिए राहत भरी खबर है.अब ऐसे ग्राहकों पर इंश्योरेंस का बड़ा भार नहीं पड़ेगा.दरअसल,अब नई गाड़ी पर 5 साल बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस जरूरी नहीं होंगा.मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि नईगाड़ी खरीदने पर 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस अभी जरूरी नहीं होगा.जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के संगठन,ऑटो कंपनियां,इंश्योरेंस एजेंट्स के संगठन की दलीलों को मानते हुए मद्रास हाई कोर्ट 4 अगस्त के अपने ऑर्डर के अंदर बदलाव करेगा

Vikrant Shekhawat : Sep 13, 2021, 07:03 PM
Bumper To Bumper Insurance: नई गाड़ी खरीदने वालों के लिए राहत भरी खबर है. अब ऐसे ग्राहकों पर इंश्योरेंस का बड़ा भार नहीं पड़ेगा. दरअसल, अब नई गाड़ी पर 5 साल बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस जरूरी नहीं होंगा. मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि नई गाड़ी खरीदने पर 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस अभी जरूरी नहीं होगा. जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के संगठन, ऑटो कंपनियां , इंश्योरेंस एजेंट्स के संगठन की दलीलों को मानते हुए मद्रास हाई कोर्ट 4 अगस्त के अपने ऑर्डर के अंदर बदलाव करेगा और 5 साल के लिए एक साथ इंश्योरेंस जरूरी शर्त को हटाएगा.

मद्रास हाई कोर्ट ने 5 साल बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस पर कही ये बात 

आज की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा कि उनका मकसद सिर्फ पैसेंजर की सुरक्षा है. कोर्ट ने अपने ऑब्जरवेशन में कहा कि पुराने ऑर्डर में कोर्ट के सुझावों को शामिल किया जाएगा और जरूरी नियमों को कानून बनाने वाली संसद पर छोड़ा जाएगा. यानी अब बंपर टू बंपर इंश्योरेंस का आर्डर थम गया है. 

गौरतलब है कि नई गाड़ी की खरीद पर 5 साल तक जरूरी बंपर टू बंपर इंश्योरेंस लेने पर गाड़ियों की कीमत ₹50,000 से लेकर ₹200000 तक बढ़ रही थी जिसका विरोध ऑटो कंपनियों ने भी किया था. अब मद्रास हाई कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुना दिया है. अब अगस्त के ऑर्डर को मद्रास हाई कोर्ट मोडिफाइड करेगा. 

कोर्ट ने मांगे थे सुझाव 

कोर्ट के अनुसार, बंपर टू बंपर इंश्योरेंस पर कोर्ट का सिर्फ सुझाव रहेगा, जरूरी करने का नियम संसद पर छोड़ा जाएगा. गौरतलब है कि नियम लागू करने की चुनौती पर 1 सितंबर को कोर्ट ने सुझाव मांगे थे. इसके बाद, ऑटो कंपनियां , आईआरडीए समेत कई संगठनों ने मद्रास हाई कोर्ट को अपने-अपने सुझाव दिए थे.

आपको बता दें कि अगस्त में नई गाड़ी की खरीद पर 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस का आर्डर पास किया गया था. लेकिन इसके बाद, लगातार ऑटो कंपनियों ने भी इसका विरोध किया था क्योंकि एक साथ 5 साल के इंश्योरेंस को लागू करना चुनौतीपूर्ण था.