Vikrant Shekhawat : Jan 11, 2021, 07:20 PM
Bird Flu: कोरोना संकट के बीच कई राज्यों में बर्ड फ्लू की दस्तक ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि पक्षियों से इंसानों में इस बीमारी के फैलने की आशंका सीमित है। पक्षियों के गहरे संपर्क में रहने वाले लोगों को ही इस बीमारी का खतरा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वायरस के कई प्रकार मौजूद हैं। इनमें से एच-7एन7 सबसे घातक और एच9 एन2 हल्के असर वाला है। भारत में अभी तक दो स्ट्रेन पाए गए हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और केरल में एच5एन8 तथा बाकी राज्यों में एच5एन1 का संक्रमण पाया गया है। दोनों प्रकार घातक हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, संक्रमित मुर्गियों या पक्षियों के गहरे संपर्क में आने से ही इस बीमारी के इंसानों में आने की आशंका रहती है, लेकिन इसमें भी प्रसार बेहद सीमित पाया गया है। इसलिए सर्वाधिक एहतियात मुर्गी फार्म और पक्षियों से संबधित कार्य में जुड़े लोगों को रखने की जरूरत है।इंसान से इंसान को संक्रमण का खतरा नहींडब्ल्यूएचओ के अनुसार बर्ड फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसके संक्रमण की आशंका नहीं के बराबर है। ऐसे मामलों की पुष्टि नहीं हुई है।उच्च मृत्यु दरबर्ड फ्लू से गंभीर रूप से संक्रमित व्यक्तियों में मृत्यु दर काफी ऊंची होती है। अस्पताल में भर्ती मरीजों में 60 फीसदी की मौत हो सकती है। बीमारी के आरंभिक लक्षण हालांकि निमोनिया जैसे होते हैं, लेकिन श्वसंन तंत्र के फेल होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है।उपचारबर्ड फ्लू के उपचार की बेहद प्रभावी दवा ओसेल्टामीवीर उपलब्ध है। एच5एन1 का टीका बन चुका है, जो बर्ड फ्लू का सर्वाधिक प्रचलित वायरस है। लेकिन, इस्तेमाल कम होने के कारण इस टीके की आसानी से उपलब्धता नहीं है।सावधानीलोगों को बर्ड फ्लू से बचाव के लिए ऐसे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, जहां बड़े पैमाने पर मुर्गियों का पक्षियों की मौजूदगी है।400 मामलेडब्ल्यूएचओ के अनुसार 2003-08 के बीच अफ्रीका, एशिया, यूरोप तथा मध्य पूर्व में बर्ड फ्लू के इंसानों में करीब 400 मामले रिकॉर्ड किए गए।